Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2017 · 1 min read

ड्रग्स रोक

26 जून
मादक द्रव्यों के इस्तेमाल
और
अवैध व्यापार पर रोक दिवस
पर मनी भाई की
विशेष कविता :-
••••••••••••••••••••••••••••••••

छुट चली अब वो हाथों की अंगुलियाँ ।
अब छुप बैठा है ,जानें किस गलियाँ ?
नशे की आदी होता, युवा पीढ़ी ।
देश कैसे चढ़ेंगी ? विकास सीढ़ी ।
कहीं सफेद चूर्ण , तो कहीं सुइयाँ ।
कालरूप बनी, नशीली दवाइयाँ ।
कोई खाता- पीता, और सूँघता ।
कुछ पल निश्चिंत होके स्फूरित होता।
पर यह नहीं , खुशी मनाने का तौर।
युवा उमर , गुमराह होने का दौर।
तेरी लत ,तुझ संग, घर ले डुबेगी।
ड्रग्स का कतरा , जिस्म को नोचेगी।
आज ड्रग्स बना है ,अवैध व्यापार ।
तस्करी रोक, तू पहल कर सरकार।
गलत सोहबत में, अब देश का बच्चा।
विकसित देश का ख्वाब,ना रहे कच्चा।
बंद करें मादक द्रव्यों का इस्तेमाल ।
तभी राष्ट्र सुरक्षित और हो निहाल ।
✒ ( रचयिता :- मनी भाई )
[भौंरादादर, बसना, महासमुंद, छग ]
••••••••••••••••••••••••••••••••

Language: Hindi
348 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
लोगों के दिलों में बसना चाहते हैं
लोगों के दिलों में बसना चाहते हैं
Harminder Kaur
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
आशियाना तुम्हारा
आशियाना तुम्हारा
Srishty Bansal
जन्माष्टमी महोत्सव
जन्माष्टमी महोत्सव
Neeraj Agarwal
मैं अपने बिस्तर पर
मैं अपने बिस्तर पर
Shweta Soni
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
Bramhastra sahityapedia
ek abodh balak
ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नादान प्रेम
नादान प्रेम
Anil "Aadarsh"
तुमसे मैं एक बात कहूँ
तुमसे मैं एक बात कहूँ
gurudeenverma198
Sannato me shor bhar de
Sannato me shor bhar de
Sakshi Tripathi
रुख़्सत
रुख़्सत
Shyam Sundar Subramanian
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
Ravi Prakash
चाँद बहुत अच्छा है तू!
चाँद बहुत अच्छा है तू!
Satish Srijan
आह
आह
Pt. Brajesh Kumar Nayak
काला न्याय
काला न्याय
Anil chobisa
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
Buddha Prakash
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ज़िंदगी थी कहां
ज़िंदगी थी कहां
Dr fauzia Naseem shad
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
💐अज्ञात के प्रति-7💐
💐अज्ञात के प्रति-7💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ न तोला भर ज़्यादा, न छँटाक भर कम।। 😊
■ न तोला भर ज़्यादा, न छँटाक भर कम।। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...