Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2017 · 1 min read

डमरू घनाक्षरी

***डमरू घनाक्षरी****
(*इसमें सभी वर्ण मात्रा रहित होते है*)
सकल जगत तव नमन करत रब।
भगवन न नजर कर इधर उधर।।
मन नगर नगर चल डगर डगर,
जब तक न पकड़ तव कर नटवर ।
तज कर सब मद कर चरण भजन,
कर करम सहज कर सफल उमर।
हरत अघनहर तव सब अघ पर।
जतन सकल कर मन चरनन धर।
******* मधु गौतम

2 Likes · 1 Comment · 739 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
Anil "Aadarsh"
फितरती फलसफा
फितरती फलसफा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
क्या प्यार है तुमको हमसे
क्या प्यार है तुमको हमसे
gurudeenverma198
विशेष दिन (महिला दिवस पर)
विशेष दिन (महिला दिवस पर)
Kanchan Khanna
हिन्दी दोहा - दया
हिन्दी दोहा - दया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"दरपन"
Dr. Kishan tandon kranti
मरीचिका
मरीचिका
लक्ष्मी सिंह
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
Manisha Manjari
पत्थर - पत्थर सींचते ,
पत्थर - पत्थर सींचते ,
Mahendra Narayan
तकते थे हम चांद सितारे
तकते थे हम चांद सितारे
Suryakant Dwivedi
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
Er.Navaneet R Shandily
प्रेरणा
प्रेरणा
पूर्वार्थ
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
*Author प्रणय प्रभात*
2708.*पूर्णिका*
2708.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
सूरज दादा ड्यूटी पर
सूरज दादा ड्यूटी पर
डॉ. शिव लहरी
तन माटी का
तन माटी का
Neeraj Agarwal
वक्त से वकालत तक
वक्त से वकालत तक
Vishal babu (vishu)
*राम-विवाह दिवस शुभ आया : कुछ चौपाई*
*राम-विवाह दिवस शुभ आया : कुछ चौपाई*
Ravi Prakash
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
ऐलान कर दिया....
ऐलान कर दिया....
डॉ.सीमा अग्रवाल
पिता
पिता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझमें भी कुछ अच्छा है
मुझमें भी कुछ अच्छा है
Shweta Soni
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ Rãthí
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
shabina. Naaz
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
Praveen Sain
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...