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1 Apr 2017 · 1 min read

टूट जाएगा

कलम घिसाई गजल की शक्ल में।
आधारित गाना~ बहारो फूल बरसाओ ……
मतला
अगर है साँस छोटी सी तो नगमा टूट जाएगा।
किया वादा जो गाने का वो’ वादा टूट जायेगा।00
तुम्हारी आँख का आंसू बड़ा ही कीमती मेरे।
मिरे होते बिखर कैसे नगीना टूट जाएगा।। 1
बड़ी आँखों में सपने जो करीने से सजाये है।
सपन होन्गे सभी पूरे जमाना टूट जाएगा। 2
बुनेंगे जाल दुश्मन जो इकठ्ठे साथ मिलकर के।
उन्ही का होंसला इक रोज़ सारा टूट जायेगा । 3
उड़ाने मत भरो नफरत की इतनी भी कभी यारो।
जमी पर जब गिरोगे तो सहारा टूट जाएगा। 4
मिलन की आस तुम पालो अदावत को परे रख के।
अहम देखो बिखर कर के हमारा टूट जाएगा। 5
सुना है लोग जलते है एक दूजे की फितरत से।
अगर सँभले नही अब भी तो रिश्ता टूट जाएगा।6
जरा टेबल पे तुम आओ करो इकरार की बातें।
रहोगे दूर हमसे तो किनारा टूट जाएगा। 7
करो नेकी सभी के साथ में बिना सोचे नफा यारों।
दुआ का बंद हे जो भी सितारा टूट जाएगा।8
करो तारीफ़ मत मेरी नही तारीफ़ का भूखा।
बिना तारीफ़ क्या साहस ये मेरा टूट जाएगा । 9
नही इतरा रे इतना भी तू मिट्टी के खिलोने पर।
किसी दिन यह तिरा माटी खिलौना टूट जाएगा। 10
लगा मायक मचाते शोर मस्जिद और मन्दिर में।
सुकूँ मिलता तिरे घर यह भरोषा टूट जाएगा। 11
****मधु गौतम

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