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11 May 2017 · 1 min read

जो दहन होलिका का हुआ है तो क्यों?

जो दहन होलिका का हुआ है तो क्यों?
मन नहीं मिलते हैं, दूरियाँ बढ रहीं |

रक्षदल रूप का जो भी आकाश है |
वह सदा ही अविकसित है, औ त्रास है |
हिंसा औ क्रोध सह लोक का ह्रास है |
बोधी उर, प्रीति तज,छल रहा आज त्यों |
जो दहन होलिका का हुआ है तो क्यों?

सुन हिरण्याकशिपु रूप मद नहिं है सच |
स्वर्णमृग-मोहहित मन न माया में नच |
ईश-पथ की कहानी है जीवन कवच |
फिर हृदय विश्व मैला, न ढोएगा यों |
जो दहन होलिका का हुआ है तो क्यों ?

जागो “नायक” पकड़ आत्मारूपी ध्वज |
तेरा जी पिक-सदृश अति मृदुल, दिव्य द्विज |
बिना चिंतन, मनुज है अहंकारी अज |
प्रीति तज, चित् भी जगमय पतितराज त्यों |
जो दहन होलिका का हुआ है तो क्यों?
…………………………………………………..

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रोंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

-“क्रौंच सुऋषि आलोक” कृति की रचना
-पेज संख्या 36 से
-“क्रौंच सुऋषि आलोक” कृति प्रकाशित होने का वर्ष -2016
आई एस बी एन :978-93-82340-39-3
प्रकाशक-जे एम डी पब्लिकेशन नई दिल्ली
रचनाकार-बृजेश कुमार नायक, सुभाष नगर, कोंच ,जिला-जालौन,उ प्र,285205
व्हाट्सआप-9956928367
सम्पर्क सूत्र -9455423376

11-05-2017


👉इस (क्रौंच सु ऋषि-आलोक) कृति/शोधपरक ग्रंथ का द्वितीय संस्करण नया कवर एवं नया आई एस बी एन के साथ वर्ष 2018 में साहित्यपीडिया पब्लिशिंग से प्रकाशित है और अमेजोन एवं फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।
पं बृजेश कुमार नायक

Language: Hindi
Tag: गीत
709 Views
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