Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2017 · 2 min read

जुत्ते बाहर उतारें : लाचारी / बृजमोहन स्वामी ‘बैरागी’ की घातक कविता

एक लाचारी है,
जो ब्याह की तरह हंसती है
आगे और लिखा जा सकता है

यह बात
कहीं नही छापी गई है
इसलिए जिन्दा है अभी
बिल्कुल गुलाब की तरह,
और छापना भी कहाँ?
अख़बार में ? दीवार पर ?
या … रसोईघर में हल्दी के डिब्बे पर?

मैंने लाचारी की बात की है साहेब!
जो ज़िंदगी के हर बुरे दौर में
इंसान के साथ रही हो
यहाँ तक कि
जब नौकरी की तरह
रेलगाड़ी और बस
छूट गयी थी,
तो भी साथ थी
रेंगते हुए आई थी।

हम वो सब नही पढ़ते
जो अंधेरों में घुटकर
लिखी गई हो
या फिर
मरते वक़्त बोली गई हो
हम पढ़ते हैं
विडम्बना और थूक में
उबाली गई कविताएँ और कहानियाँ,
जिनमे पात्र का खून
नही रिसता
सरकारी नलके की तरह।

ये पसीने की आखिरी बूँद,
दिन-रात काम करके घर चलाती रही
जब मुझे गोली मारी गयी
तब भी लाचारी पास थी।
लक्ष्मी प्राप्ति के अचूक उपाय
ढूंढने की ज़िद,
तड़क भड़क के शहरों
और
महंगे डियो की कीमत में
हमने अपना घर
खो दिया
तब भी वह बिल्कुल पास थी।

अब कलम पकड़ने वाली
अंगुलियां भी
कमज़ोर हो चली है
तब भी बगल में है लाचारी।

क्या हम नुक्कड़ पर
कँटीली हँसी छोड कर
आगे बढ जाते हैं ?
क्या हम तब भी रोये,
जब हमें जेब में पैसे मिले?
तो सुनो …

आँसुओं की तीन बूँद
गालों पर
जबरदस्ती नही लुढ़काई जा सकती,
“भूलना” सिसकियो का रुप नही है,
बार बार
छाती चौड़ी करके
नही निकाले जा सकते
दो हज़ार के गुलाबी नोट
और
टूटे हुये लोग नही चाहिये
संविधान लिखने को।
जब मैं इन सब बातों पर
गौर करता हूं तो मुझे लगता है
कि
लाचारी हमेशा
दुर्भाग्य ही लाती रही है।

ऐसा नहीं है
कि लाचारी सिर्फ एक शब्द है
पर यहाँ “समझने” जैसी
कोई चीज़ नहीं है।

फिर भी,
मेहमान आते देखकर
“जुत्ते बाहर उतारें” की पर्ची मुहं में चिगलते हुए
चाय बनाते समय
कई लोगो की जुबान
काटी जा सकती है,
लाचारी के साथ।
————————-

©कॉपीराइट
Brijmohan swami ‘beragi’
बृजमोहन स्वामी ‘बैरागी’

Language: Hindi
1 Comment · 529 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
Ram Krishan Rastogi
तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
कौआ और कोयल (दोस्ती)
कौआ और कोयल (दोस्ती)
VINOD CHAUHAN
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Ek gali sajaye baithe hai,
Ek gali sajaye baithe hai,
Sakshi Tripathi
इल्म
इल्म
Utkarsh Dubey “Kokil”
"बुलबुला"
Dr. Kishan tandon kranti
Keep this in your mind:
Keep this in your mind:
पूर्वार्थ
शेर
शेर
SHAMA PARVEEN
चन्द्रयान-3
चन्द्रयान-3
कार्तिक नितिन शर्मा
मंजिल तक का संघर्ष
मंजिल तक का संघर्ष
Praveen Sain
इश्क  के बीज बचपन जो बोए सनम।
इश्क के बीज बचपन जो बोए सनम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले लेखक हैं मुसाफ़िर बैठा : ARTICLE – डॉ. कार्तिक चौधरी
साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले लेखक हैं मुसाफ़िर बैठा : ARTICLE – डॉ. कार्तिक चौधरी
Dr MusafiR BaithA
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
Ajad Mandori
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
मेरे भी थे कुछ ख्वाब,न जाने कैसे टूट गये।
मेरे भी थे कुछ ख्वाब,न जाने कैसे टूट गये।
Surinder blackpen
3244.*पूर्णिका*
3244.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
Whenever My Heart finds Solitude
Whenever My Heart finds Solitude
कुमार
जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का,
जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का,
Umender kumar
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
बस तुम
बस तुम
Rashmi Ranjan
तेरी दुनिया में
तेरी दुनिया में
Dr fauzia Naseem shad
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
Ravi Prakash
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
कवि रमेशराज
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
Sunil Suman
■ रोने से क्या होने वाला...?
■ रोने से क्या होने वाला...?
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...