Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2016 · 1 min read

जीवन

भीड़ के बीच में
अकेला सा जीवन
भावों के जंगल में
खोया सा ये मन

इंद्रधनुषी सपनें
आशा का दामन
फूलों सा खिलता
अपना घर आँगन

वक़्त हमारा जब
तो जीवन उपवन
बरसे बस खुशियाँ
महके भी सावन

बुरे समय में
बिखरा कण कण
गम की चादर ले
सोया अपनापन

ओढ़ बुढ़ापा
रोता है बचपन
साँसें रूठी तो
छोड़ जाती तन

अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
1 Like · 502 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
हिंदी है पहचान
हिंदी है पहचान
Seema gupta,Alwar
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
Vishal babu (vishu)
वक़्त गुज़रे तो
वक़्त गुज़रे तो
Dr fauzia Naseem shad
जय माता दी 🙏
जय माता दी 🙏
Anil Mishra Prahari
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
Sakhawat Jisan
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
DrLakshman Jha Parimal
खोखला वर्तमान
खोखला वर्तमान
Mahender Singh
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
मीना
मीना
Shweta Soni
जीवन तेरी नयी धुन
जीवन तेरी नयी धुन
कार्तिक नितिन शर्मा
कुछ भी होगा, ये प्यार नहीं है
कुछ भी होगा, ये प्यार नहीं है
Anil chobisa
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
#अंतिम_उपाय
#अंतिम_उपाय
*Author प्रणय प्रभात*
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
यादों के झरने
यादों के झरने
Sidhartha Mishra
मात्र मौन
मात्र मौन
Dr.Pratibha Prakash
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ग्रामीण ओलंपिक खेल
ग्रामीण ओलंपिक खेल
Shankar N aanjna
*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*
*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"इन्तहा"
Dr. Kishan tandon kranti
2388.पूर्णिका
2388.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-379💐
💐प्रेम कौतुक-379💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चाहत
चाहत
Dr Archana Gupta
अब देर मत करो
अब देर मत करो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
इस गोशा-ए-दिल में आओ ना
इस गोशा-ए-दिल में आओ ना
Neelam Sharma
मैं चाहता हूँ अब
मैं चाहता हूँ अब
gurudeenverma198
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
Rj Anand Prajapati
Loading...