जीवन में जब सुख मिलें हमें
जीवन में जब सुख मिलें हमें
तो करते याद न ईश्वर को
लेकिन दुख मिलते अगर यहाँ
बस देते दोष मुकद्दर को
चलते ही चलते रहे सदा
आँखों में अनगिन स्वप्न लिये
उनको ही पूरा करने को
बस एक यहाँ दिन रात किये
मशरूफ रहे यूँ जीवन में
कभी चैन मिला न पल भर को
जीवन में जब सुख मिलें हमें …..
जिनकी खुशियों की खातिर थे
हमने बेचे अपने सपने
सब फ़र्ज़ निभाये थे हँसकर
कितने त्यागे थे सुख अपने
उन अपनों की बदली नज़रें
आँखों में भरे समंदर को
जीवन में जब सुख मिलें हमें …..
सब पा लेने की चाहत थी
मन के ऊपर हावी था धन
जब आँख खुली तो ये जाना
पतझड़ आया बीता सावन
काया जब माया से हारी
तो देख डरे इस मंज़र को
जीवन में जब सुख मिलें हमें …..
डॉ अर्चना गुप्ता