Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2017 · 2 min read

जीवन एक खेल है

विलियम शेक्सपियर ने कहा था कि
जिंदगी एक रंगमंच है और हम लोग इस रंगमंच के कलाकार! सभी लोग जीवन को अपने- अपने नजरिये से देखते है| कोई कहता है
जीवन एक खेल है,कोई कहता है जीवन ईश्वर का दिया हुआ उपहार है,
कोई कहता है जीवन एक यात्रा है,
कोई कहता है जीवन एक दौड़ है और बहुत कुछ|
दोस्तों जीवन में हमारे पास अपने लिए मात्र 3500 दिन (9 वर्ष व 6 महीने) ही होते है !
वर्ल्ड बैंक ने एक इन्सान की औसत आयु 78 वर्ष मानकर यह आकलन किया है जिसके अनुसार हमारे पास अपने लिए मात्र 9 वर्ष व 6 महीने ही होते है|
इस आकलन के अनुसार औसतन 29 वर्ष सोने में,
3-4 वर्ष शिक्षा में,
10-12 वर्ष रोजगार में,
9-10 वर्ष मनोरंजन में,
15-18 वर्ष अन्य रोजमरा के कामों में जैसे खाना पीना, यात्रा, नित्य
कर्म, घर के काम इत्यादि में खर्च हो जाते है|
इस तरह हमारे पास अपने सपनों को पूरा करने व कुछ कर दिखाने के लिए मात्र 3500 दिन अथवा 84,000 घंटे ही होते है !
लेकिन वर्तमान में ज्यादातर लोग निराशामय जिंदगी जी रहे है और वे इंतजार कर रहे होते है कि
उनके जीवन में कोई चमत्कार होगा, जो उनकी निराशामय जिंदगी को बदल देगा|
सबसे पहले हमें इस गलत धारणा/सोच को बदलना होगा कि हमारे साथ वही होता है जो भाग्य में लिखा होता है क्योंकि ऐसा होता तो आज हम ईश्वर की पूजा न कर रहे होते , हर तरह से खुश होते, भगवान से हर समय कुछ मिलने की उम्मीद ना करते बल्कि उन्हें बदुआएं दे रहे होते|

वैज्ञानिकों के अनुसार भौंरे ? का शरीर बहुत भारी होता है, इसलिए विज्ञान के नियमो के अनुसार वह उड़ नहीं सकता| लेकिन भौंरे को इस बात का पता नहीं होता एंव वह यह मानता है की वह उड़ सकता है इसलिए वह उड़ पाता है|
?

मनुष्य का जीवन एक प्रकार का खेल है और मनुष्य इस खेल का मुख्य खिलाडी| यह खेल मनुष्य को हर पल खेलना पड़ता है|
चाहे खुश होकर खेले या दुखी होकर… जब खेलना ही है हर हाल में तो खुश होकर खेलो यार !
मनुष्य दिन में 60,000 से 90,000 विचारों के साथ रहता है|
यानि हर पल मनुष्य एक नए दोस्त या दुश्मन का सामना करता है|
मनुष्य का जीवन विचारों के चयन का एक खेल है|
मनुष्य को विचारों के चयन में बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि मनुष्य के दुश्मन, मनुष्य को ललचाते है और मनुष्य को लगता है कि वही उसके दोस्त है|
जो लोग इस खेल को खेलना सीख जाते है वे सफल हो जाते है और जो लोग इस खेल को समझ नहीं पाते वे बर्बाद हो जाते है|

Language: Hindi
Tag: लेख
2874 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हँसी
हँसी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
आई पत्नी एक दिन ,आरक्षण-वश काम (कुंडलिया)
आई पत्नी एक दिन ,आरक्षण-वश काम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
सच्चा धर्म
सच्चा धर्म
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
माया मोह के दलदल से
माया मोह के दलदल से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जो बीत गया उसकी ना तू फिक्र कर
जो बीत गया उसकी ना तू फिक्र कर
Harminder Kaur
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
भूख
भूख
RAKESH RAKESH
इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।
इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पहला प्यार नहीं बदला...!!
पहला प्यार नहीं बदला...!!
Ravi Betulwala
यदि हर कोई आपसे खुश है,
यदि हर कोई आपसे खुश है,
नेताम आर सी
कुछ यूं हुआ के मंज़िल से भटक गए
कुछ यूं हुआ के मंज़िल से भटक गए
Amit Pathak
"जिसे जो आएगा, वो ही करेगा।
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
संग चले जीवन की राह पर हम
संग चले जीवन की राह पर हम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
वो कभी दूर तो कभी पास थी
वो कभी दूर तो कभी पास थी
'अशांत' शेखर
दिखावा
दिखावा
Swami Ganganiya
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
CA Amit Kumar
मन मंथन कर ले एकांत पहर में
मन मंथन कर ले एकांत पहर में
Neelam Sharma
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Rebel
Rebel
Shekhar Chandra Mitra
मैं को तुम
मैं को तुम
Dr fauzia Naseem shad
अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
"पुरानी तस्वीरें"
Lohit Tamta
Loading...