Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2016 · 1 min read

जिस दिन सरहद पर जाऊंगा

बाल कविता

बन सिपाही जिस दिन सरहद पर जाऊंगा!
दुशमन को फिर उस रोज़ मज़ा चखाऊंगा!
मां तुम रोना मत गर वापिस न आऊं मैं !
देश का अपने पर देखना मान मैं बढ़ाऊंगा!
जब तक रहेगी आखिरी सांस बाकि मेरी!
चुन चुन कर सबको सरहद से भगाऊंगा!
तेरा बेटा हूँ मां तुझसे ही तो सीखा है!
जीवन अपना देश को अर्पन कर जाऊंगा !!!
कामनी गुप्ता ***

Language: Hindi
542 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
एकदम सुलझे मेरे सुविचार..✍️🫡💯
एकदम सुलझे मेरे सुविचार..✍️🫡💯
Ms.Ankit Halke jha
*भरा हुआ सबके हृदयों में, सबके ही प्रति प्यार हो (गीत)*
*भरा हुआ सबके हृदयों में, सबके ही प्रति प्यार हो (गीत)*
Ravi Prakash
*
*"ममता"* पार्ट-2
Radhakishan R. Mundhra
कुछ दोहे...
कुछ दोहे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दूजी खातून का
दूजी खातून का
Satish Srijan
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
Rajesh vyas
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
■ अपनी-अपनी मौज।
■ अपनी-अपनी मौज।
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम🕊️
प्रेम🕊️
Vivek Mishra
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
सूखे पत्तों से भी प्यार लूंगा मैं
सूखे पत्तों से भी प्यार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अहिल्या
अहिल्या
Dr.Priya Soni Khare
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
Anand Kumar
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
कभी-कभी दिल को भी अपडेट कर लिया करो .......
कभी-कभी दिल को भी अपडेट कर लिया करो .......
shabina. Naaz
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
Paras Nath Jha
विषाद
विषाद
Saraswati Bajpai
महंगाई का क्या करें?
महंगाई का क्या करें?
Shekhar Chandra Mitra
वतन के तराने
वतन के तराने
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
विमला महरिया मौज
बात खो गई
बात खो गई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
दिल के अहसास बया होते है अगर
दिल के अहसास बया होते है अगर
Swami Ganganiya
बरकत का चूल्हा
बरकत का चूल्हा
Ritu Asooja
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
यह सब कुछ
यह सब कुछ
gurudeenverma198
ज़िंदगी को अगर स्मूथली चलाना हो तो चु...या...पा में संलिप्त
ज़िंदगी को अगर स्मूथली चलाना हो तो चु...या...पा में संलिप्त
Dr MusafiR BaithA
Loading...