Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Oct 2016 · 1 min read

जय देवी***

देवी के मंदिर सर झुका कर
फल-फूल धुप बत्ती
वस्त्र श्रृंगार चढ़ा कर
भक्ति बखान
दण्डवत् नमन तेरा,
पत्थर की मूर्ति पर अपार श्रद्धा
हैरान भगवान भी
हैरान मैं भी
क्यों की तेरी टेड़ी नजर देखी,
मैंने भी और
उसने भी
मुझ जीती जागती देवी पर,
हैरान भगवान भी
हैरान मैं भी,
हैरान हर वो इंसान भी जो देखता है देवी उस पत्थर में भी
मुझ हाड़-मांस में भी,
मैं भी तो देवी हूँ
जीती जागती
मैं नारी हूँ।

****दिनेश शर्मा****

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 419 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अजब गजब
अजब गजब
Akash Yadav
"वादा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
ओझल मनुआ मोय
ओझल मनुआ मोय
श्रीहर्ष आचार्य
चलो आज कुछ बात करते है
चलो आज कुछ बात करते है
Rituraj shivem verma
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
कवि दीपक बवेजा
संतुलित रखो जगदीश
संतुलित रखो जगदीश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ आज का खुलासा...!!
■ आज का खुलासा...!!
*Author प्रणय प्रभात*
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
सूरज आया संदेशा लाया
सूरज आया संदेशा लाया
AMRESH KUMAR VERMA
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पुश्तैनी मकान.....
पुश्तैनी मकान.....
Awadhesh Kumar Singh
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
यह तुम्हारी गलतफहमी है
यह तुम्हारी गलतफहमी है
gurudeenverma198
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके  ठाट।
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
दुष्यन्त 'बाबा'
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
*जन्मजात कवि थे श्री बृजभूषण सिंह गौतम अनुराग*
*जन्मजात कवि थे श्री बृजभूषण सिंह गौतम अनुराग*
Ravi Prakash
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
डॉ० रोहित कौशिक
स्कूल कॉलेज
स्कूल कॉलेज
RAKESH RAKESH
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
23/38.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/38.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐अज्ञात के प्रति-12💐
💐अज्ञात के प्रति-12💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
राजयोग आलस्य का,
राजयोग आलस्य का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...