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4 Dec 2016 · 1 min read

जब से बदल गया है नोट

एक रात समाचार है आया
पाँच सौ हज़ार की बदली माया
५६ इंच का सीना बतलाकर
जाने कितनो की मिटा दी छाया
वो भी अंदर से सहमा सहमा
पर बाहर से है अखरोट
जब से बदल गया है नोट….

व्यापारी का मन डरा डरा है
उसने सोचा था भंडार भरा है
हर विधि से दौलत थी कमाई
लगा हर सावन हरा भरा है
एक ही दिन मे देखो भैया
उसको कैसी दे गया चोट
जब से बदल गया है नोट..

नेता को है रोते पाया
एक दम सब कुछ खोते पाया
रातो को बैठ कर जाग रहा है
कल तक था दिन मे सोते पाया
क्या बाँटेगा अब चुनाव मे
आए कैसे जनता का वोट
जब से बदल गया है नोट…

एक ग़रीब पगार था लाया
मालिक ने हज़ार का नोट थमाया
नोट बड़ा है सोचा था उसने
कई दिनो तक तकिये मे छिपाया
आज गया बाजार मे लेकर
ना राशन मिला ना लंगोट
जब से बदल गया है नोट…

Language: Hindi
1 Like · 467 Views
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