Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2016 · 1 min read

जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया

जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया

जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया
रह रह के दिल में ये सवाल आया
क्या सचमुच में तू अमानत है मेरी
या फिर यार ने हमे यूहीं बहलाया
———————जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया !!

करता हुँ इल्तिजा वक़्त बे वक़्त
जाने क्यों तुझपे ये मेरा दिल आया
रोज़ भेजता हूँ संदेशे तेरे नाम के
लौट के अभी तक न तेरा जबाब आया
———————जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया !!

सताती है याद बहुत मुझे मेरे यार की
हवाओ ने भी अब तो ये शोर मचाया
हुए चर्चे सरेआम ये अब तो फिर भी
क्यों न अभी तक उनको एतबार आया
———————जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया !!

करने लगी है मजाक मुझ से अब तो
ये बारिश की बुँदे,ये मिटटी की खुशबु
कैसे बताऊ है मुहब्बत तुझ से कितनी
देता कोई सदा दूर से,लगे यार ने बुलाया
————————————जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया !!

डी.के. निवातियाँ ____________@@@

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 559 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
डा गजैसिह कर्दम
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
मैं अपने अधरों को मौन करूं
मैं अपने अधरों को मौन करूं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वो लड़की
वो लड़की
Kunal Kanth
*खाना लाठी गोलियाँ, आजादी के नाम* *(कुंडलिया)*
*खाना लाठी गोलियाँ, आजादी के नाम* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
Shankar N aanjna
समझदारी का न करे  ,
समझदारी का न करे ,
Pakhi Jain
उड़ कर बहुत उड़े
उड़ कर बहुत उड़े
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
गाली / मुसाफिर BAITHA
गाली / मुसाफिर BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
क़लम, आंसू, और मेरी रुह
क़लम, आंसू, और मेरी रुह
The_dk_poetry
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाबुल का घर तू छोड़ चली
बाबुल का घर तू छोड़ चली
gurudeenverma198
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
2607.पूर्णिका
2607.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
करवाचौथ (कुंडलिया)
करवाचौथ (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
पानी  के छींटें में भी  दम बहुत है
पानी के छींटें में भी दम बहुत है
Paras Nath Jha
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
"अगर हो वक़्त अच्छा तो सभी अपने हुआ करते
आर.एस. 'प्रीतम'
अपने प्रयासों को
अपने प्रयासों को
Dr fauzia Naseem shad
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
मेला एक आस दिलों🫀का🏇👭
मेला एक आस दिलों🫀का🏇👭
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
विमला महरिया मौज
Loading...