Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2017 · 1 min read

बेटी की महिमा

सूखा पीड़ित देख नगरी को
बेटी ने अवतार लिया ,
धरती से उत्पन्न होकर उसने
जनता का उद्धार किया ।
अन्न जल बरसा जनकपुरी में
पिता जनक को मान दिया ,
पितृ कुल की पहचान बनी वो
जानकी उसने नाम लिया ।
राजा कुंतीभोज सदा ही
बेटी कुंती पर गर्वित होते थे
जिसके सेवा सुशील गुणों से
दुर्वासा भी प्रसन्न रहते थे ।
दे दी शक्ति जिसे मुनिवर ने
देवों के भी आह्वान की
वो कुंतीभोज की बेटी कुंती
बनी निर्मात्री पांडु कुल की ।
यज्ञ से उत्पन्न हुई याज्ञसैनी
जो महाराज द्रुपद की बेटी थी
कुरूवंश की कुरूपता की
वो प्रमुख संहारक थी ।
कर प्रतिग्या अधर्म नाश की
भगवन का उसने नाम लिया ,
रक्षा कर नारी सम्मान की
प्रभु ने भी उसको मान दिया ।
राजर्षि अश्वपति की कन्या
सावित्री अटल व्रतधारी थी,
यमदेव की अमिट नियमावली
उसके ही समक्ष हारी थी ।
वह ऐसी बेटी थी जिसने
जीवन को भी जीत लिया,
पिता – पति दोनों के कुल का
उज्ज्वल उसने नाम किया ।
हर युग में , हर काल में
बेटी ने पहचान बनायी है ,
त्रेता,द्वापर से कलयुग तक
बेटी की महिमा छायी है ।
वेद पुराण और महाकाव्यों ने
बेटी की महिमा को गाया
बड़ा अभागा है वो समाज जो
गुण बेटी के जान न पाया ।

डॉ रीता
एफ-11,फेज़-6
आया नगर,नई दिल्ली- 47

1577 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
"दिल कहता है"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
💐प्रेम कौतुक-417💐
💐प्रेम कौतुक-417💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ऐलान कर दिया....
ऐलान कर दिया....
डॉ.सीमा अग्रवाल
रात का रक्स जारी है
रात का रक्स जारी है
हिमांशु Kulshrestha
जीवन से पलायन का
जीवन से पलायन का
Dr fauzia Naseem shad
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
अहसास
अहसास
Sandeep Pande
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भारती-विश्व-भारती
भारती-विश्व-भारती
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
Paras Nath Jha
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
Phool gufran
अपने साथ तो सब अपना है
अपने साथ तो सब अपना है
Dheerja Sharma
प्राचीन दोस्त- निंब
प्राचीन दोस्त- निंब
दिनेश एल० "जैहिंद"
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो ,  प्यार की बौछार से उज
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो , प्यार की बौछार से उज
DrLakshman Jha Parimal
तैराक (कुंडलिया)
तैराक (कुंडलिया)
Ravi Prakash
दीवाने प्यार के हम तुम _ छोड़े है दुनियां के भी  गम।
दीवाने प्यार के हम तुम _ छोड़े है दुनियां के भी गम।
Rajesh vyas
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
अर्ज किया है
अर्ज किया है
पूर्वार्थ
3265.*पूर्णिका*
3265.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मजदूर
मजदूर
umesh mehra
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
"मित्र से वार्ता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Shabdo ko adhro par rakh ke dekh
Shabdo ko adhro par rakh ke dekh
Sakshi Tripathi
जय भोलेनाथ
जय भोलेनाथ
Anil Mishra Prahari
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
Pramila sultan
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
Shubham Pandey (S P)
कितना प्यार करता हू
कितना प्यार करता हू
Basant Bhagawan Roy
तुम न समझ पाओगे .....
तुम न समझ पाओगे .....
sushil sarna
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
Loading...