Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

~~~जगत जननी सब जानती है ~~~

वो तुम्हारे आने से पहले
ही समझ जाती है
माता रानी के दरबार में जाकर,
कुछ लोग रहमत
की दुआ करते हैं

और कुछ लोग अपने
व्यापार की दुआ करते हैं

कुछ पुत्र की कामना करते हैं
कुछ पुत्री की कामना करते हैं

यानि कुछ न कुछ मांगने
की ही दुआ करते हैं

दुनिया वाले लोगो, जो जाते हैं दरबार उसके
वो तुम्हारे आने से पहले ही समझ जाती है
किस को क्या चाहिए, और किस को सच में
झोली है खाली, और वो सच्चा इंसान है !!

मतलब से क्या जाना वहां, उस का दरबार निराला है
हम ही हैं मुर्ख बन्दे, उस की दुनिया का ख्याल निराला है
दे देती हैं बिना कुछ मांगे, झोलियन भर देती है
इन्सान ही मतलबी हो गया है,वो बिना समझे सब देती है !!

करता छल और कपट फिर , पाप करता जाता है
मेहनत करता है कोई जग में,
तू तो बिन मेहनत उस का भी धन खाता है
बहुत करता अभिमान , वो सब जानती है,
तेरी राग राग में क्या दौड़ रहा, सब वो जानती है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
596 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
चुपके से तेरे कान में
चुपके से तेरे कान में
Dr fauzia Naseem shad
देह खड़ी है
देह खड़ी है
Dr. Sunita Singh
गुरुजन को अर्पण
गुरुजन को अर्पण
Rajni kapoor
नालंदा जब  से  जली, छूट  गयी  सब आस।
नालंदा जब से जली, छूट गयी सब आस।
दुष्यन्त 'बाबा'
*
*"गुरू पूर्णिमा"*
Shashi kala vyas
कविता
कविता
Shiva Awasthi
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
फितरत
फितरत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
उज्जैन घटना
उज्जैन घटना
Rahul Singh
💐अज्ञात के प्रति-73💐
💐अज्ञात के प्रति-73💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
भाव तब होता प्रखर है
भाव तब होता प्रखर है
Dr. Meenakshi Sharma
दुख वो नहीं होता,
दुख वो नहीं होता,
Vishal babu (vishu)
*सोता रहता आदमी, आ जाती है मौत (कुंडलिया)*
*सोता रहता आदमी, आ जाती है मौत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
कवि रमेशराज
जय जय हिन्दी
जय जय हिन्दी
gurudeenverma198
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
हम कुर्वतों में कब तक दिल बहलाते
हम कुर्वतों में कब तक दिल बहलाते
AmanTv Editor In Chief
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
Er. Sanjay Shrivastava
खेत रोता है
खेत रोता है
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Armano me sajaya rakha jisse,
Armano me sajaya rakha jisse,
Sakshi Tripathi
आदिकवि सरहपा।
आदिकवि सरहपा।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...