Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2017 · 1 min read

” जंगल सी ज़िन्दगी , मेमने से हम ” !!

सरसराती हवाएं ,
कंपकंपाती हैं !
उठता है शोर कहीं ,
नींद जाती है !
संदली खुशबू कहाँ –
समेटते हैं हम !!

अधिकार हाथों में ,
सम्वेदनाएँ खत्म !
सबके हिस्से में ना ,
अब रहे जश्न !
बेचारगी , विवशता –
लपेटते हैं हम !!

कमसिन उमरिया ,
नजरें फिरी फिरी !
नारी नहीं सबला ,
अब भी डरी डरी !
सपनों की खेती –
बिखेरते हैं हम !!

देते वे शहादत ,
नेता हैं सिरफिरे !
केसर की बग़ावत
मधुवन कहाँ संवरे !
बारूदी सपनों को –
उछेरते हैं हम !

पंख रंग बिरंगे ,
हमको नहीं मिले !
हासिल नहीं ज्यादा
कोई नहीं गिले !
जो भी मिली दुआ –
लपेटते हैं हम !!

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
Sarfaraz Ahmed Aasee
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
Manu Vashistha
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
गीत गा लअ प्यार के
गीत गा लअ प्यार के
Shekhar Chandra Mitra
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुहब्बत
मुहब्बत
Pratibha Pandey
*दिल कहता है*
*दिल कहता है*
Kavita Chouhan
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
कितने पन्ने
कितने पन्ने
Satish Srijan
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
Neeraj Agarwal
चाँद
चाँद
TARAN VERMA
"भूल जाना ही बेहतर है"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-366💐
💐प्रेम कौतुक-366💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सूनी बगिया हुई विरान ?
सूनी बगिया हुई विरान ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#जालसाज़ों_की_दुनिया_में 😢😢
#जालसाज़ों_की_दुनिया_में 😢😢
*Author प्रणय प्रभात*
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल  ! दोनों ही स्थितियों में
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल ! दोनों ही स्थितियों में
Tarun Singh Pawar
नारी निन्दा की पात्र नहीं, वह तो नर की निर्मात्री है
नारी निन्दा की पात्र नहीं, वह तो नर की निर्मात्री है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
जीवन संग्राम के पल
जीवन संग्राम के पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जय माता दी -
जय माता दी -
Raju Gajbhiye
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये ज़िंदगी क्या सँवर रही….
ये ज़िंदगी क्या सँवर रही….
Rekha Drolia
Loading...