Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2017 · 1 min read

छलक पड़ती हो तुम कभी.. .

छलक पड़ती हो तुम कभी , एक कशिश छोड़ जाती हो
भिगाती बारिशें हैं मुझे, तुम तपिश छोड़ जाती हो
अलग बहता हूँ तुमसे मैं, कभी जब बहकने लगता हूँ
मुझसे तब मिलन खातिर, किनारे तोड़ आती हो..

© नीरज चौहान

Language: Hindi
451 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
उज्जैन घटना
उज्जैन घटना
Rahul Singh
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
माँ की छाया
माँ की छाया
Arti Bhadauria
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
❤बिना मतलब के जो बात करते है
❤बिना मतलब के जो बात करते है
Satyaveer vaishnav
दीवाना हूं मैं
दीवाना हूं मैं
Shekhar Chandra Mitra
3313.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3313.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
Trishika S Dhara
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
-- धरती फटेगी जरूर --
-- धरती फटेगी जरूर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
झोली मेरी प्रेम की
झोली मेरी प्रेम की
Sandeep Pande
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
Er. Sanjay Shrivastava
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
देश हमरा  श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
राम जपन क्यों छोड़ दिया
राम जपन क्यों छोड़ दिया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रंग बिरंगी दुनिया में हम सभी जीते हैं।
रंग बिरंगी दुनिया में हम सभी जीते हैं।
Neeraj Agarwal
"बँटवारा"
Dr. Kishan tandon kranti
फीका त्योहार !
फीका त्योहार !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"हर दिन कुछ नया सीखें ,
Mukul Koushik
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
Loading...