Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2017 · 1 min read

छत पर चाँद

आज मेरी छत पर वो चाँद आया
उसको देख आँखों को सुकून आया

जब लबो पर तबस्सुम का मंजर छाया
पतझड़ के आलम में बसंत घिर आया

उसकी रानाइयाँ का तो क्या कहना
पेड़ पर बसंत औऱ दिल मे सर्द आया

मेरा दिल बिना उमंग तरंग के उदास था
देख दिल की बंजर जमी पर सावन छाया

मुसलसल अंधेरो ने मुझे घेरे रखा था
उस चाँद से जीवन में आफ़ताब छाया

ये तो सिर्फ चंद ही उदाहरण है ‘ऋषभ’
बैसे चाँद सूने से जीवन में हर महक लाया

रचनाकर ऋषभ तोमर

1 Like · 251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*बेवजह कुछ लोग जलते हैं 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*बेवजह कुछ लोग जलते हैं 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
वृक्ष पुकार
वृक्ष पुकार
संजय कुमार संजू
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
Amit Pandey
अजब गजब
अजब गजब
साहिल
बहुत ऊँची नही होती है उड़ान दूसरों के आसमाँ की
बहुत ऊँची नही होती है उड़ान दूसरों के आसमाँ की
'अशांत' शेखर
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
लोरी
लोरी
Shekhar Chandra Mitra
गुमराह होने के लिए, हम निकल दिए ,
गुमराह होने के लिए, हम निकल दिए ,
Smriti Singh
करो खुद पर यकीं
करो खुद पर यकीं
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
#कविता
#कविता
*Author प्रणय प्रभात*
3005.*पूर्णिका*
3005.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोचता हूँ
सोचता हूँ
Satish Srijan
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रेलगाड़ी
रेलगाड़ी
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
कौन गया किसको पता ,
कौन गया किसको पता ,
sushil sarna
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
Omprakash Sharma
नववर्ष-अभिनंदन
नववर्ष-अभिनंदन
Kanchan Khanna
नया साल
नया साल
सुषमा मलिक "अदब"
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
विजय कुमार नामदेव
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी एक चादर है
जिंदगी एक चादर है
Ram Krishan Rastogi
वो कालेज वाले दिन
वो कालेज वाले दिन
Akash Yadav
वरदान
वरदान
पंकज कुमार कर्ण
आओ मिलकर नया साल मनाये*
आओ मिलकर नया साल मनाये*
Naushaba Suriya
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
Loading...