Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2017 · 4 min read

चैटिंग

चैटिंग
———
तेजी से भागती दौडती ज़िन्दगी में आज सबसे बड़ी जो कमी दिखाई देती है वो है समय की कमी | हमारे रिश्ते समय के अभाव में शुष्क ठूंठ की तरह मुरझा रहे हैं |
पति पत्नी के बीच प्रेम भले ही हो पर यदि दोनों के पास एक दूसरे के लिए समय नहीं है तो रिश्ता वेंटीलेटर पर आ जाता है |
राखी और किशोर का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही हो चला था |एक बड़े शहर की मल्टी नेशनल कम्पनी में किशोर मैनेजर था |राखी एक इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी चलाती थी |कहने को दोनों ने प्रेम विवाह किया था पर आज प्रेम के अलावा उनके पास सब कुछ था |
एक दूसरे से ऊब चुके पति पत्नी अपनी अपनी दुनिया में मग्न थे |अपना अपना काम करना और घर आ कर अपना अपना लैपटॉप लेकर बैठ जाना यही उनकी रूटीन थी |
उम्र राखी पर असर दिखा रही थी |खुद को जवान रखने की काफी कोशिश करती पर” लकीरें झलक ही जाती हैं “| राखी ने इसीलिए फेसबुक पर एक नकली id बना रखी थी -साक्षी के नाम से |स्वयम को कॉलेज गर्ल शो कर रखा था |यूँ एक दिन इस id पर राखी उर्फ़ साक्षी की नज़र एक हैंडसम नौजवान पर पड़ी |नाम कार्तिक —एम बी ए स्टूडेंट |
फ्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुआ सिलसिला चैटिंग तक पहुंचा |धीरे धीरे दोनों लम्बी बातें करने लगे |
” तुम्हारा मनपसंद रंग क्या है ?” मेरा पिंक है |
“मुझे नीला रंग पसंद है |ज्यादातर ब्लू शर्ट पहनता हूँ ”
रंगों से शुरू हुई बातें मनपसंद खाने ,एक्टर ,किताबें ,संगीत ,पर्यटक स्थल तक पहुंची |
राखी अपने भीतर वही उमंग और ताज़गी महसूस कर रही थी जो उसे अपने कॉलेज के दिनों में किशोर संग महसूस होती थी |
राखी ने नोटिस किया की —किशोर भी आजकल बहुत खुश रहता है |वही मुस्कान उसके चेहरे पर खिली रहती है जो कॉलेज के दिनों में होती थी |राखी की मुस्कान की वजह तो कार्तिक था पर किशोर की मुस्कान की वजह क्या थी ? राखी ने नोटिस तो किया पर वो अपने नये सुख में इतनी मग्न थी की इस ओर उसने ज्यादा ध्यान न दिया |
एक दिन चैटिंग पर कार्तिक ने कहा —” हम दोनों ने एक दूसरे को कभी देखा नहीं ,मान लो यदि मैं जैसा तुम समझती हो !उससे कुछ अलग हुआ तो ?”
“क्या तब हमारी दोस्ती में कुछ फर्क आएगा ?”
“यही प्रश्न तो राखी के मन में भी उठते थे |क्या जवाब दे ? वो समझ न पा रही थी ”
कार्तिक –” साक्षी मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ | बस एक बार तुम्हें देखना है “|
” अगर तुमने ना किया तो आज के बाद हम बात नहीं करेंगे “|
” राखी सोच में पड़ गयी ,उसे कार्तिक की आदत हो गयी थी |यदि वो ना कहती है तो भी उनका ये ” ऑनलाइन ” रिश्ता खत्म हो जायेगा !यदि मिलती है तो कार्तिक असलियत जान लेगा की वो साक्षी नहीं राखी है ,एक बड़ी उम्र की महिला है !रिश्ता तो दोनों ही स्थितियों में खत्म होना है ”
राखी ने फैसला किया की वो मिलेगी —” जब रिश्ता ख़त्म ही होना है तो क्यूँ न एक बार कार्तिक को देखकर ,मिलकर ,सच्चाई बता कर खत्म करे ” ——-पीड़ा तो होगी ,कार्तिक गुस्सा भी होगा पर राखी का गिल्ट कुछ कम हो जायेगा |
राखी –” चलो मिलते हैं | मैं कल पीवीआर के पास वाले रेस्तरां में शाम 4 बजे आउंगी |मेरी पहचान होगी पिंक ड्रेस ,टेबल नंबर 5 पर ”
ठीक ” मैं ब्लू शर्ट में आऊंगा ,हाथ में बुके होगा ”
———-अगले दिन कार्तिक ठीक 4 बजे रेस्तरां पहुंचा |बुके पहले ही ले चुका था |टेबल नुम्बर 5 पर उसने देखा –पिंक ड्रेस में एक महिला बैठी थी !”
पास पहुंचा —राखी ने नज़रें उठायीं ,
नज़रें मिलीं —–“किशोर के हाथ का बुके टेबल पर गिर गया !राखी भी खडी हो गयी !
दोनों एकदूसरे को घूर रहे थे —–अचानक दोनों खूब ज़ोर से हंसे ! लोग चौंक कर देखने लगे ||दोनों बाहर आ गये ”
किशोर तुम कार्तिक !
और राखी तुम साक्षी !———-
तुम नाराज़ हो क्या ?
नहीं राखी —” मैं पहले ही जान गया था की तुम ही साक्षी हो क्यूंकि राखी की एक एक पसंद ही साक्षी की पसंद थी ! तुम्हारा अचानक से खुश रहना मुझसे छुपा नहीं था ——एक दिन तुम बाथरूम में थी तुम्हारा लैपटॉप पड़ा था ,id लॉग इन थी —मैंने सारी चैट पढ़ ली —सारा सच जान गया ”
तो तुमने मुझे घर में ही क्यूँ न बताया ?क्यूँ कार्तिक बन चैट करते रहे ?
” में स्वयम जीवन की एकरसता से बोर हो चुका था |तुम्हारे साक्षी रूप के साथ एन्जॉय कर रहा था |एक नया अहसास ज़िन्दगी को नया सुख दे रहा था ”
मैंने नोटिस किया था तुम्हारा मुस्काना ,खुश रहना —-पर किशोर अब ?
” अब कुछ नहीं राखी —हम ज़िन्दगी की एकरसता में दुबारा नहीं फंसेंगे | एकदूसरे को पूरा समय देंगे ” —हाँ किशोर यही होगा
पर राखी —हम रोज अलग अलग बैठ कर —” साक्षी और कार्तिक बन चैटिंग जरुर करेंगे “—–जीवन का ये रोमांच में खोना नहीं चाहता ”
राखी हंसने लगी –बिलकुल ऐसा ही होगा |
तो ज़िन्दगी चलती रही और अचानक नकली id से शुरू हुई चैटिंग ने—- राखी ‘किशोर के जीवन को वैनटीलेटर से उतार कर नई सांसों का उपहार दे दिया ”
डॉ संगीता गाँधी |

——

Language: Hindi
267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
कोशी के वटवृक्ष
कोशी के वटवृक्ष
Shashi Dhar Kumar
दर्द उसे होता है
दर्द उसे होता है
Harminder Kaur
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
लक्ष्मी सिंह
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
Subhash Singhai
आब-ओ-हवा
आब-ओ-हवा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
My life's situation
My life's situation
Sukoon
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वस्तु वस्तु का  विनिमय  होता  बातें उसी जमाने की।
वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पता नहीं था शायद
पता नहीं था शायद
Pratibha Pandey
उसका प्यार
उसका प्यार
Dr MusafiR BaithA
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नाथ सोनांचली
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नारी शक्ति वंदन
नारी शक्ति वंदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
*Author प्रणय प्रभात*
#मायका #
#मायका #
rubichetanshukla 781
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
Loading...