Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2017 · 1 min read

चुनाव आयौ है …….

मचे जो खूब हल्ला
निकल आएें दल्ला
समझ लीजै लल्ला
चुनाव आयौ रे…..

बैठे यूँ हिंदू मुल्ला
खाऐंगे रस गुल्ला
बाबाजी का ठुल्ला
चुनाव आयौ रे….

उड़ी है खूब खिल्ली
यादौंजी ड़ोलै दिल्ली,
अकड़ पड़ी ढिल्ली
चुनाव आयौ रे….

ड़ोलै हैं राहुल भय्या
खतम सब रुपय्या
फ़टी है जेब दय्या
चुनाव आयौ रे….

बहन जी बनी बिल्ली
हाथों में ड़ंड़ा गिल्ली
पहिये की टूटी तिल्ली
चुनाव आयौ रे….

मैले थे जिनके पल्लू
खाली है उनके डल्लू
सब समझे भूरा कल्लू
चुनाव आयौ रे…….

21-1-2017
शनिवार

Language: Hindi
Tag: गीत
503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
In the rainy season, get yourself drenched
In the rainy season, get yourself drenched
Dhriti Mishra
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
" जब तक आप लोग पढोगे नहीं, तो जानोगे कैसे,
शेखर सिंह
सबसे ऊंचा हिन्द देश का
सबसे ऊंचा हिन्द देश का
surenderpal vaidya
"पाठशाला"
Dr. Kishan tandon kranti
*खुशबू*
*खुशबू*
Shashi kala vyas
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
Mukesh Kumar Sonkar
श्रृंगारिक दोहे
श्रृंगारिक दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
_सुलेखा.
इस क्षितिज से उस क्षितिज तक देखने का शौक था,
इस क्षितिज से उस क्षितिज तक देखने का शौक था,
Smriti Singh
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
Raju Gajbhiye
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
संन्यास के दो पक्ष हैं
संन्यास के दो पक्ष हैं
हिमांशु Kulshrestha
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
3107.*पूर्णिका*
3107.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है (मुक्तक)*
*करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जब एक ज़िंदगी है
जब एक ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
बस यूं ही
बस यूं ही
MSW Sunil SainiCENA
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"सफर"
Yogendra Chaturwedi
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
Kanchan Alok Malu
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
होली के त्यौहार पर तीन कुण्डलिया
होली के त्यौहार पर तीन कुण्डलिया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
Loading...