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5 Jul 2016 · 1 min read

चाह कर भी भुला न पाये हम

चाह कर भी भुला न पाये हम
याद दिल में रहे बसाये हम

था न आसान अलविदा कहना
भीगी पलकों से मुस्कुराये हम

देख कर मोड़ मुँह लिया हमसे
आज इतने हुए पराये हम

ज़िन्दगी में ख़ुशी से रहने को
गम के भरते रहे किराये हम

पास अपने भी गम नहीं कम थे
और तेरा ख़रीद लाये हम

‘अर्चना’ दर्द कह नहीं सकते
प्यार के क्योंकि है सताये हम

10 Comments · 515 Views
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