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26 Apr 2017 · 1 min read

चाहता हु कुछ करना पर कर नहीं पता…….

चाहता हु कुछ करना पर कर नहीं पता
दूर तुम होती हो रास्ता नजर नहीं आता
मंजिल भी अब रास नहीं अति ना ही कुछ कर पाता हु
जिन नजरो में डूबा था वही तलक सिमट कर रहा जाता हु।
(अवनीश कुमार)

Language: Hindi
334 Views
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