” ————————————————- चाँद भी है शर्माया ” !!
घूँघट हटा चांदनी बिखरी , शीतल शीतल छाया !
यहां वहां फैला उजियारा , चांद भी है शर्माया !!
तेरे नाम पर सजधज सारी , तेरा नाम जुबां पर !
तेरे नाम पर जग भूली हूँ , दिल में तुझे बसाया !!
ऋतुओं ने भी रंग बदला है , फितरत सबकी बदली !
नीयत पर विश्वास नहीं अब , सबका मन भरमाया !!
जहां नेह संग पले समर्पण , प्यार वहीं सजता है !
आंखों में विश्वास बसे तो , सब कुछ हासिल पाया !!
हाथ थाम कर साथ चले हैं , मन्ज़िल हमको पाना !
अगर भरोसा कायम रक्खा , लक्ष्य हाथ है आया !!
एक दूजे का साथ रहा तो , कठिन डगर है आसां !
तीज मने त्यौहार मनेगें , पल पल है हरषाया !!
तेरी खुशियां मेरी खुशियां , वारें एक दूजे पर !
मुस्कानों को पलते देखा , मन अपना सरसाया !!
बृज व्यास