चलो पग साधकर साथी
चलो पग साधकर साथी
सुनहरे स्वप्न पूरे हो
नये आकाश तक पहुंचो
पूरे कार्य हो जो अधूरे हो
नया संकल्प हो मन मे
नूतन सोंच हो मेधा मे
चलो बदलाव को लाएं
जीवन से सुदूरे हो
पुराने राह को बदलो
नये मग को तलाशो तुम
प्रगति की बात जब आये
सुखद सपने यूं पूरे हो
विन्ध्य प्रकाश मिश्र