Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2017 · 2 min read

**चलो करें हम ‘वर्ण विचार’** सुगम सरल व्याकरण बोध- २

काव्यात्मक स्वरूप में हिंदी व्याकरण बोध को सरल सुगम बनाने का प्रयास ||

****** वर्ण विचार ******

*भाषा की सबसे छोटी इकाई कहलाती ध्वनि के नाम से संबोधित की जाती है जिसके खंड किए न जाते
भाषा में वर्ण वही कहलाते ||

*******वर्णमाला********

* व्यवस्थित समूह वर्णों का वर्णमाला है कहलाता
स्वरों और व्यंजनों के मोतियों से सजाया यह जाता
मानक स्वर ग्यारह होते हैं
तैंतीस व्यंजन संग लिए होते हैं
पंचम वर्ण भी साथ में आते
वर्गों को संपूर्ण कराते
अंत:स्थ,उष्म,संयुक्त व्यंजन
जब जुड़ जाते
वर्णमाला को पूर्ण बनाते ||

* आगत वर्ण अॉ ज़् फ़् कहलाते
अंग्रेजी, अरबी, फारसी प्रभाव दर्शाते
ड़, ढ़ विकसित वर्ण माने हैं जाते शब्दों के बीच और अंत में प्रयोग में लाए जाते
शुरू नहीं होता इनसे शब्द
संस्कृत में अपनाएं नहीं जाते ||

* ड्.और ञ् स्वतंत्र प्रयोग में लाए नहीं जाते
अं अनुस्वार और अः विसर्ग
ही कहे जाते
स्वरों के बाद तत्सम शब्दों में होता इनका प्रयोग
हिंदी व्याकरण में अपना स्थान यह पाते
एक से ज्यादा ध्वनियों से मिलकर
क्ष त्र ज्ञ श्र संयुक्त व्यंजन कहलाते ||

******* लिपि *******

* मौखिक ध्वनियों के लिखने के चिह्न लिपि है कहलाते
देवनागरी लिपि में हिंदी का ज्ञान कराते इक् प्रत्यय से हुआ सृजन
जिसका है अर्थ ‘लिखित अक्षर’ लिखने का ढंग लिपि कहलाया
मौखिक का लिखित भाषा रूप पाया ध्वनि चिह्न सब साथ मिले जब देवनागरी लिपि में हिंदी भाषा का स्वरूप उभर आया

******** बोली *******

*’बोली’ सीमित क्षेत्र में बोली जाती लिखित रूप और साहित्य में जो
पाई नहीं जाती बोली वही है कहलाती वृहद क्षेत्र में उपभाषा प्रयोग में आती साहित्य रचना भी इसमें की जाती
अनेक बोलियों को लेकर साथ
उपभाषा समकक्ष है आती

******* व्याकरण *******

* शुद्ध लिखने, बोलने और पढ़ने का बोध कराता
नियमबद्ध भाषाशास्त्र व्याकरण कहलाता तीन भाग में बांटा जाता
वर्ण विचार, वाक्य विचार
और शब्द विचार इसमें समाता

‘वर्ण विचार’ अब हुआ खत्म
देखो कितना लगे सरल ||||

Language: Hindi
678 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
गुप्तरत्न
मजदूर की बरसात
मजदूर की बरसात
goutam shaw
कभी किसी की मदद कर के देखना
कभी किसी की मदद कर के देखना
shabina. Naaz
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
"ଜୀବନ ସାର୍ଥକ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ୱାଭାବିକ ହାର୍ଦିକ ସଂଘର୍ଷ ଅନିବାର୍ଯ।"
Sidhartha Mishra
अपनी यही चाहत है_
अपनी यही चाहत है_
Rajesh vyas
🌙Chaand Aur Main✨
🌙Chaand Aur Main✨
Srishty Bansal
शांति तुम आ गई
शांति तुम आ गई
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अधूरी सी ज़िंदगी   ....
अधूरी सी ज़िंदगी ....
sushil sarna
होलिका दहन कथा
होलिका दहन कथा
विजय कुमार अग्रवाल
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
Bhupendra Rawat
■ हास्यमय समूह गीत
■ हास्यमय समूह गीत
*Author प्रणय प्रभात*
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
प्रिय भतीजी के लिए...
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बचपन की यादें
बचपन की यादें
प्रीतम श्रावस्तवी
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
तेरा मेरा.....एक मोह
तेरा मेरा.....एक मोह
Neeraj Agarwal
*छंद--भुजंग प्रयात
*छंद--भुजंग प्रयात
Poonam gupta
सत्य मिलता कहाँ है?
सत्य मिलता कहाँ है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
********* कुछ पता नहीं *******
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कलयुग मे घमंड
कलयुग मे घमंड
Anil chobisa
जीवनदायिनी बैनगंगा
जीवनदायिनी बैनगंगा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Heart Wishes For The Wave.
Heart Wishes For The Wave.
Manisha Manjari
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
gurudeenverma198
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
श्याम सिंह बिष्ट
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
Ravi Prakash
आस्था होने लगी अंधी है
आस्था होने लगी अंधी है
पूर्वार्थ
Loading...