Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2017 · 1 min read

चलो आज चाल…(ग़ज़ल)

ग़ज़ल

चलो आज चाल तुम्हारी ही चल के देखते है।
तुम्हारी तरह तुम्हे तुमसे यूंही छल के देखते है।

बहुत भरोसा किया तुम पर जान -ए-जानां।
अब जरा हम भी बेखुदी मे बदल के देखते है।

इतने सितम पर भी हो बस तुम्ही हमको प्यारे।
हम कोई ख्वाब न बिन तुम्हारी शकल के देखते है।

इतना भरोसा है ग़र गिरेंगें तुम्हारा आगोश होगा।
कुछ एक पल अंधेरो वीरानों मे चल के देखते है।

कहानी यें अपनी याद मुहंज़बानी सबको।
लिखि सी इस ग़जल मे ढ़ल के देखते है।

तस्व्वुरातों से -ए-सुधा कहाँ कुछ है हासिल।
चलो इससे बाहर अब निकल के देखते है।

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड़

415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
--> पुण्य भूमि भारत <--
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ms.Ankit Halke jha
परिचय
परिचय
Pakhi Jain
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नववर्ष नवशुभकामनाएं
नववर्ष नवशुभकामनाएं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बाल शिक्षा कविता पाठ / POET : वीरचन्द्र दास बहलोलपुरी
बाल शिक्षा कविता पाठ / POET : वीरचन्द्र दास बहलोलपुरी
Dr MusafiR BaithA
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
// ॐ जाप //
// ॐ जाप //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
■ चिंतनीय स्थिति...
■ चिंतनीय स्थिति...
*Author प्रणय प्रभात*
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
" खुशी में डूब जाते हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*इन्टरनेट का पैक (बाल कविता)*
*इन्टरनेट का पैक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"प्यासा कुआँ"
Dr. Kishan tandon kranti
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
" नेतृत्व के लिए उम्र बड़ी नहीं, बल्कि सोच बड़ी होनी चाहिए"
नेताम आर सी
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-334💐
💐प्रेम कौतुक-334💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बड्ड  मन करैत अछि  सब सँ संवाद करू ,
बड्ड मन करैत अछि सब सँ संवाद करू ,
DrLakshman Jha Parimal
दिल के अहसास बया होते है अगर
दिल के अहसास बया होते है अगर
Swami Ganganiya
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
निश्चल छंद और विधाएँ
निश्चल छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
अंहकार
अंहकार
Neeraj Agarwal
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
आईना सच कहां
आईना सच कहां
Dr fauzia Naseem shad
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2722.*पूर्णिका*
2722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* वक्त की समुद्र *
* वक्त की समुद्र *
Nishant prakhar
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
हिमांशु Kulshrestha
Loading...