Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2017 · 1 min read

चमन-सदृश गुणबान , प्रीति बन कहते गांधी

गांधी जी की जयंती, सत्य-अहिंसा-प्रेम|
पाठ पढ़ो औ जानकर, धारण करिए नेम||
धारण करिए नेम, बनो शीतलतामय वट|
पोषण से भर धरा, बनो सद्बोधी-जीवट||
कह “नायक” कविराय, रुके अज्ञानी आँधी|
चमन-सदृश गुणबान, प्रीति बन कहते गांधी||

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

गांधी=महात्मा गांधी

1 Like · 1 Comment · 705 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ओमप्रकाश वाल्मीकि : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
ओमप्रकाश वाल्मीकि : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Dr. Narendra Valmiki
Quote Of The Day
Quote Of The Day
Saransh Singh 'Priyam'
"प्यार की नज़र से"
Dr. Kishan tandon kranti
2875.*पूर्णिका*
2875.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी कंही ठहरी सी
जिंदगी कंही ठहरी सी
A🇨🇭maanush
डरो नहीं, लड़ो
डरो नहीं, लड़ो
Shekhar Chandra Mitra
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
कर ले कुछ बात
कर ले कुछ बात
जगदीश लववंशी
स्वयं के हित की भलाई
स्वयं के हित की भलाई
Paras Nath Jha
सफ़ारी सूट
सफ़ारी सूट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शीत की शब में .....
शीत की शब में .....
sushil sarna
छोटी सी दुनिया
छोटी सी दुनिया
shabina. Naaz
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Sakshi Tripathi
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
"बात अपनो से कर लिया कीजे।
*Author प्रणय प्रभात*
*सादा जीवन उच्च विचार के धनी : लक्ष्मी नारायण अग्रवाल बाबा*
*सादा जीवन उच्च विचार के धनी : लक्ष्मी नारायण अग्रवाल बाबा*
Ravi Prakash
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
Taj Mohammad
श्रोता के जूते
श्रोता के जूते
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
डॉ.सीमा अग्रवाल
महाकाल का संदेश
महाकाल का संदेश
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
Shweta Soni
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
I know people around me a very much jealous to me but I am h
I know people around me a very much jealous to me but I am h
Ankita Patel
जिद कहो या आदत क्या फर्क,
जिद कहो या आदत क्या फर्क,"रत्न"को
गुप्तरत्न
Loading...