Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2016 · 1 min read

गज़ल

सभी राज हमसे छिपाए हुए हैं
कभी जो थे अपने पराए हुए हैं

लबों पे हमारे हंसी तुम ना देखो जमाने से’ हम चोट खाए हुए हैं

भले वो न चाहें हमें भूलके भी मगर नाज उनके उठाए हुए हैं

न आवाज कोई न कोई इशारा
न जाने कहां दिल लगाए हुए हैं

खबर क्या उन्हें हम उन्हीं पे फिद़ा हैं कहानी गज़ल में बताए हुए हैं

वही ‘श्रेष्ठ’ दिलवर जिन्हें चाहता हो रहें साथ जो प्यार पाए हुए हैं

2 Comments · 718 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुस्कुरा दो ज़रा
मुस्कुरा दो ज़रा
Dhriti Mishra
■एक टिकट : सौ निकट■
■एक टिकट : सौ निकट■
*Author प्रणय प्रभात*
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"रहस्यमयी"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
Harminder Kaur
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बढ़े चलो ऐ नौजवान
बढ़े चलो ऐ नौजवान
नेताम आर सी
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
शहीद दिवस
शहीद दिवस
Ram Krishan Rastogi
मजदूर दिवस पर
मजदूर दिवस पर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हैप्पी प्रॉमिस डे
हैप्पी प्रॉमिस डे
gurudeenverma198
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
Anil chobisa
मन मेरे तू सावन सा बन....
मन मेरे तू सावन सा बन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
Surinder blackpen
जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है
जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शैलजा छंद
शैलजा छंद
Subhash Singhai
इंद्रवती
इंद्रवती
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
Ravi Prakash
ज्ञान-दीपक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
SuNo...
SuNo...
Vishal babu (vishu)
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
Poonam Matia
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रिश्ते चाहे जो भी हो।
रिश्ते चाहे जो भी हो।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...