Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2017 · 1 min read

गज़ल :– बेवजह लोग गंगा नहाते रहे ।।

तरही गज़ल :–
बेवजह लोग गंगा नहाते रहे ।
बहर :– 212–212–212–212

मीठे सपने सदा ही लुभाते रहे ।
रात ख्वाबों में भी मुस्कुराते रहे ।

*हम हमारे ही हाथों ठगाते रहे ।
भाग्य को ही सदा गुनगुनाते रहे ।

कर्म में न दिखाई कभी आस्था ,
हसरतों को गले से लगाते रहे ।*

हाथ अब हाथ धरने से क्या फायदा ,
सारे अवसर तुम्हीं तो गंवाते रहे ।

दाग दामन में था कोई समझा नहीँ ,
बेवजह लोग गंगा नहाते रहे ।

चाँद सूरज धरा ये रहे हैं सदा ,
लोग आते रहे , लोग जाते रहे ।

बदले कितने मुखौटे यहाँ रोज़ तुम ,
आइने से क्यों चहरा छिपाते रहे ।

अनुज तिवारी “इंदवार”
उमरिया
मध्य-प्रदेश

1 Like · 637 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
है एक डोर
है एक डोर
Ranjana Verma
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
Manisha Manjari
😢धूर्तता😢
😢धूर्तता😢
*Author प्रणय प्रभात*
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
Kr. Praval Pratap Singh Rana
Kabhi kabhi
Kabhi kabhi
Vandana maurya
आज तो ठान लिया है
आज तो ठान लिया है
shabina. Naaz
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
Bhupendra Rawat
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
नेताम आर सी
💐अज्ञात के प्रति-153💐
💐अज्ञात के प्रति-153💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पिता
पिता
Buddha Prakash
कविता
कविता
Shweta Soni
अगर नाम करने का वादा है ठाना,
अगर नाम करने का वादा है ठाना,
Satish Srijan
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ये कैसे आदमी है
ये कैसे आदमी है
gurudeenverma198
शुरुआत
शुरुआत
Er. Sanjay Shrivastava
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
नारी बिन नर अधूरा✍️
नारी बिन नर अधूरा✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
Ranjeet kumar patre
गुरु
गुरु
Kavita Chouhan
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
2847.*पूर्णिका*
2847.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
“निर्जीव हम बनल छी”
“निर्जीव हम बनल छी”
DrLakshman Jha Parimal
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
umesh mehra
यही वह सोचकर हमको, कभी वनवास देता है(मुक्तक)
यही वह सोचकर हमको, कभी वनवास देता है(मुक्तक)
Ravi Prakash
"तोल के बोल"
Dr. Kishan tandon kranti
सार्थक मंथन
सार्थक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Sakshi Tripathi
Loading...