" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है
💐प्रेम कौतुक-226💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
वर्तमान समय में संस्कार और सभ्यता मर चुकी है
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है