ग्रन्थ करती निहाल है हिंदी
काव्य ग्रन्थों की भाल है हिन्दी
कर रही ये कमाल है हिन्दी
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लगती तलवार —- सी मेरी हिन्दी
हिन्द की ये ही —-ढाल है हिन्दी
??
ये तो निकली है शिव के डमरू से
ग्रन्थ करती निहाल है हिन्दी
??
शारदे माँ का ——–स्वर है सरगम
आरती की भी ——थाल है हिन्दी
??
आतताई के ——हेतु भी अब तो
मातु काली ——–कराल है हिन्दी
??
रोज़ श्रद्धा से —– सिर झुकाता हूँ
मुझपे कितनी —-दयाल है हिन्दी
??
राष्ट्र भाषा ये——- कब बने मन में
आज सबके —–सवाल है हिन्दी
??
दीप माला की ——–पंक्तियों में ये
होली में भी ——-गुलाल है हिन्दी
??
आज “प्रीतम” —–की ये चहेती है
वाकई बेमिसाल ——–है हिन्दी
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प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
13/09/2017
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