Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2017 · 6 min read

गौ – चिकित्सा गर्भ समस्या…

गौ – चिकित्सा .गर्भ समस्या ।

– गौ – चिकित्सा .गर्भ समस्या ।गर्भ सम्बंधी रोग व निदान=======================१ – गर्भपात रोग==============कारण व लक्षण – यह एक प्रकार का छूत का रोग है । कभी-कभी कोई गर्भवती मादा पशु आपस में लड़ पड़ती है , उससे गर्भपात हो जाता है । गर्भिणी को अधिक गरम वस्तु खिला देने से और गर्मी में रखने से भी यह रोग हो जाया करता है । उस हालत में कभी कोई साँड़ या बैल या बछड़ा उसके साथ संयोग कर लें तो गर्भपात हो जाता है ।रोगी गर्भिणी ( गाभिन गाय या भैंस आदि ) के गर्भाशय तथा योनिमार्ग पर सूजन आ जाती है । निश्चित समय के पूर्व ही बच्चा गिर जाता है । गर्भपात के पश्चात् जेर( झर ) का न गिरना , पेशाब बदबूदार होना आदि इसके लक्ष्ण है । गर्भपात के बाद रोगी मादा पशु को दूसरी बार गर्भ रहे तो ५ माह बाद उसे नीचे लिखी दवा देनी चाहिए , ताकि उक्त बीमारी की आशंका न रहे ।१ – औषधि – शिवलिंगी के बीज ८ नग ,बछड़े वाली गाय का घी २४० ग्राम , बीजों को महीन पीसकर घी में मिलाकर रोगी गर्भिणी पशु को बोतल द्वारा हिलाकर पिलाया जाय ।इसी मात्रा में प्रतिमास रोगी पशु को सुबह के समय यह दवा पिलायी जाय ।२ – औषधि – गाय के दूध से बनी दही ४८० ग्राम , गँवारपाठा ( घृतकुमारी ) ४८० ग्राम , पानी ७२० ग्राम , गँवारपाठा का गूद्दा निकालकर दही में मिलाकर पान के साथ रोगी पशु को पिलायें ।——————————— @ ——————————–२ – गाय- भैंस का गर्भ धारण न करना==========================कारण व लक्षण – साधारणत: अधिक कमज़ोर पशु निश्चित समय पर गर्भ नहीं धारण करते ।मादा पशु सयोंग करने की इच्छा नहीं प्रकट करती है और इस ओर से पुर्ण उदास रहती है ।१ – औषधि – इस प्रकार के पशुओं को” ई” प्रकार का खाद्यान्न पदार्थ विटामिन अधिक मात्रा में खिलाना चाहिए ।उसे खिलाकर मादा पशु को तगड़ा बनाया जाय । हाड़जूड की पिंगरे २ नग , पिगरों को रोटी के साथ दबाकर रोगी पशु को ३ दिन तक रोज़ सुबह खिलायें ।२ – औषधि – छुवारे ४नग सेंककर उसका बीज निकालकर फेंक दिया जाय । उसके गूदे को रोटी के साथ रोगी पशु को ८ दिन तक रोज़ सुबह खिलाया जायें ।३ – औषधि – पलास ( ढाक) के पत्तों के पास की गाँठ के २ नग लेकर रोटी में रोगी पशु को ४ दिन तक रोज़ सुबह पिलायें ।४ – औषधि – भिलावा ४ नग गुड १०० ग्राम , गुड़ के साथ भिलावें को मिलाकर रोगी पशु को ३ दिन तक खिला दिया जाय ।५ – औषधि – रोगी पशु को मूँगफली का तैल ४८० ग्राम , एक दिन छोड़कर ४ बार पिलायें ।६ – औषधि – गुँजाफल ( चोहटली ,रत्ती ) ४ नग कुटकर गुड़ में मिलाकर रोगी पशु को रोज़ सुबह ४ दिन तक खिलाये ।——————————— @ ————————————३ – गाय, भैंस का बार – बार गाभिन होना=============================कारण व लक्षण – यदि गाय , भैंस आदि को अधिक मात्रा में गरम चीज़ें खा लेने के कारण उनके शरीर का ताप बढ़ जाता है । और उनमे बार – बार गाभिन होने का रोग पैदाहो जाता है । साँड़ में कोई दोष होने के कारण भी ये रोग पैदा होता है । मादा पशु में अधिक चर्बी होने के कारण भी यह रोग होता है । ऐसी स्थिति में पशु बार- बार गाभिन होती रहती है और गाभिन नहीं रहती है ।१ – औषधि – मादा पशु जैसै ही गर्भधारण करे याने संयोग करें वैसे ही उसे धीरे सेज़मीन पर गिराकर उसे ४-५ पल्टी दी जाय फिर उसका मुँह ऊपर करके बाँध दिया जाय । और १२ घन्टे तक उस पशु को बैठने नहीं दिया जाय । केवल उसे पानी ही पिलाया जाये और २४ घन्टे तक घास बिलकुल खाने दिया जायें ।२ – औषधि – गाय का घी २४० ग्राम , कत्था ६० ग्राम , केले की जड़ का रस १२० ग्राम , पहले केले की जड़ को कूट कर उसका रस निकाल कर , घी को गरम करके सभी चीज़ें आपस में मिलाकर रोगी पशु को दोनों समय पिलाया जायें ।३ – औषधि – असली सिन्दुर ९ ग्राम , गाय का दूध २४० ग्राम , मिट्टी ४० ग्राम , मिट्टी को दूध में घोलकर कपड़छान कर लें । यह दवा केवल एक दिन ही दोनों समय देनी चाहिए ।४ – औषधि – रोगी पशु के कान काटकर कान मे कगोंरे बना दिये जायें जिससे पशु कमज़ोर होकर गर्भधारण कर लेगा और खान – पान में पशु को उत्तेजक पदार्थ नहीं खिलाना चाहिए ।आलोक -:- मादा पशु के ज़्यादा तगड़ा होने से वह बार – बार गर्मी ( हीट ) पर आती है । इसलिए गर्भ नहीं ठहरता । अत: उसकी खुराक कम करके उसकी चर्बी घटने से उसको गर्भ ठहर सकेगा ।————- @ ———–४ – पशुओं में डिलिवरी व हीट समस्या ।=============================१ – गाय को हीट पर लाना – गाय को हीट पर लाने के लिए काली तोरई पकने के बाद पेंड से तोड़कर आग मे भून लें ,और ठंडी कर लें तथा ठंडी होने पर तोरई की कुट्टी काट कर गाय को खिला दें । गाय दो से तीन दिन में हीट पर आ जायेगी ,तभी गर्भाधान करा दें तो गाय का गर्भ ठहर जायेगा वह गाभिन रहेगी ।२ – छुवारे लेकर उनकी गीरी निकालकर छुवारों में गुड़ भरकर और छुवारों को गुड़ में लपेटकर रोटी में दबाकर ७-८ दिन तक गाय को खिलाने से गाय हीट पर आती है ।३ – छुवारे की आधी गीरी को गुड़ में लपेटकर खिलायें तो गाय जल्दी ही जेर डाल देगी , तथा बाॅस के पत्ते भी खिलाकर जल्दी ही डाल देती है ।५ – गाय – भैंस को हीट में लाने के लिए — करन्जवा बीज ३० बीज , चोहटली बीज ( लाल कून्जा बीज ) ३० दाने , लौंग ३० दाने , मुहावले बीज १० दाने , सभी को लेकर कुटकर १५ खुराक बना लें । एक खुराक रोज़ सायं को केवल रोटी में देनी चाहिए ़, दवा गाय को हीट आने तक देवें ।६ – पशुओं में गर्भधारण के लिए — जो पशु बार-बार हीट पर आने पर भी गर्भ नही ठहरता इसके लिए सिंहराज पत्थर १५० ग्राम , जलजमनी के बीज १५० ग्राम , खाण्ड २५० ग्राम , खाण्ड को छोड़कर अन्य सभी दवाईयों को कूटकर तीनों दवाईयों को आपस में मिला लें और तीन खुराक बनालें , एक खुराक नई होने ( गर्भाधान ) कराने के तुरन्तबाद , दवाई में थोड़ा सा पानी मिलाकर लड्डू बनाकर गाय को खिला देना चाहिए ।५-५ घंटे के अन्तर पर तीनों खुराक देवें । गाय गर्भधारण करेगी ।५ – – गर्भाधान के बाद गाय अवश्य गाभिन रहे इसके लिए -===================================औषधि – गर्भाधान से पहले गाय की योनि में किसी पलास्टीक के पतले पाईप मे ५ ग्राम सुँघने वाला तम्बाकू पीसकर भर लें और पाईप को योनि में अन्दर डालकर ज़ोर से फूँक मार दें, जिससे वह तम्बाकू योनि में अन्दर चला जायें,फिर गर्भाधान करायेतो गाय अवश्य ही गाभिन रहेगी ।६ – गाय – भैंस डिलिवरी के बाद यदि जेर नहीं डालती तो उसका उपचार============================================१ – औषधि – चिरचिटा ( अपामार्ग ) के पत्ते तोड़कर उन्हें रगड़कर बत्ती बनाकर गाय – भैंस के सींग व कानों के बीच में इस बत्ती को फँसा कर ,माथे के ऊपर से लेकर कान व सींगों के बीच से कपड़ा लेते हुए सिर के ऊपर गाँठ बाँध देवें , गाय तीन चार घंटे में ही जेर डाल देगी ।२- औषधि – यदि ५-६ घंटे से ज़्यादा हो गये है तो चिरचिटा की जड़ ५०० ग्राम पानीमें पकाकर , ५० ग्राम चीनी मिलाकर देने से लाभ होगा ।३- औषधि – यदि ८-९ घण्टे हो गये है तो जवाॅखार १० ग्राम , गूगल १० ग्राम , असलीऐलवा १० ग्राम , इन सभी दवाईयों को कूटकर तीन खुराक बना लें ।१-१ घण्टे के अन्तर पर रोटी में रखकर यह खुराक देवें।४- औषधि – यदि गाय को ७२ घण्टे बाद इस प्रकार उपचार करें– कैमरी की गूलरी ५०० ग्राम , या गूलर की गूलरी ३०० ग्राम , अजवायन १०० ग्राम , खुरासानी अजवायन ५० ग्राम , सज्जी ७० ग्राम , ऐलवा असली ३० ग्राम , इन सभी दवाओं को लेकर कूटकर ५०-५० ग्राम की खुराक बना लें । ५०० ग्राम गाय के दूध से बना मट्ठा ( छाछ ) मेंएक उबाल देकर दवाईयों को मट्ठे में ही हाथ से मथकर पशु को नाल से दें दें । बाक़ी खुराक सुबह -सायं देते रहे ।७ – जेर ( बेल ) डालने के लिए ।========================१ – औषधि – डिलिवरी के बाद जब गाय का बच्चा अपने पैरों पर खड़ा हो जाये , तब गाय का दूध निकाले और उसमें से एक चौथाई दूध को गाय को ही पीला दें ,और बाद मे बाजरा , कच्चा जौं , कच्चा बिनौला , आपस में मिलाकर गाय के सामने रखें इस आनाज को खाने के २-३ घंटे के अन्दर ही गाय जेर डाल देगी और उसका पेट भी साफ़ हो जायेगा ।८ – रोग – गाय के ब्याने के बाद उसका पिछला हिस्सा ठण्डे पानी से धोने के कारण, गाय काशरीर जूड़ जाने पर ।===========================================================१ – औषधि – अलसी के बीज १५० ग्राम को कढ़ाई में भूनकर , १५० ग्राम गुड में मिलाकर गाय को खिलाने से वह गाय जो अकड़ गयी थी वह खड़ी हो जायेगी तीसरे दिन फिर से एक खुराक देना चाहिए । बाद उसका पिछला हिस्सा ठण्डे पानी से धोने के कारण , गाय का शरीर जूड़ जाने पर ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■
■ "टेगासुर" के कज़न्स। 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
Harminder Kaur
पुष्प
पुष्प
Er. Sanjay Shrivastava
घोंसले
घोंसले
Dr P K Shukla
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आंखों देखा सच
आंखों देखा सच
Shekhar Chandra Mitra
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ Rãthí
तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत  का नही है ज्य
तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत का नही है ज्य
पूर्वार्थ
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा"
Vijay kumar Pandey
किसी रोज मिलना बेमतलब
किसी रोज मिलना बेमतलब
Amit Pathak
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
Tarun Garg
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
शिल्पी सिंह बघेल
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"पल-पल है विराट"
Dr. Kishan tandon kranti
2382.पूर्णिका
2382.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी का सफ़र
ज़िन्दगी का सफ़र
Sidhartha Mishra
मेरी फितरत में नहीं है हर किसी का हो जाना
मेरी फितरत में नहीं है हर किसी का हो जाना
Vishal babu (vishu)
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
*सर्वप्रिय मुकेश कुमार जी*
*सर्वप्रिय मुकेश कुमार जी*
Ravi Prakash
वर्तमान में जो जिये,
वर्तमान में जो जिये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
बरखा
बरखा
Dr. Seema Varma
Loading...