Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2017 · 1 min read

—!! गौरईया !!–

हर सुबह मेरे जागने से पहले,
.इक आवाज आती थी ……
मुझ को नींदिया से जगाने को…….
इक नन्ही से चिडिया रोज आती थी.!!
….
.उस की ची ची मेरे न को बहुत भाती थी..
.जरा तुम भी पूछो की वो कौन थी…..
.जो घर आँगन में चली आती थी…..
वो थी प्यारी प्यारी गोरिया ….
जो रोज मुझ को बुलाती थी .!!

..बहुत दिनों से अब वो आवाज चेह्चाती नहीं है……
.मुझ को आ आकर जगाती नहीं है…
.क्या हुआ उसको दिल मेरा बेचैन रहता है…
…मेरा मन तो गौरईया के संग रहने लगा है !!
…..
.कोई तो बन गया है शायद दुश्मन इसका……
…..किसी न किसी ने छीना है घरौंदा इसका….
..उस के न आने से मन व्याकुल रहने लगा…
.ऐसा लगने लगा जैसे अपना दूर जाने लगा.!!

.ना जाने क्यूं करते हैं लोग पक्षी पर वार….
..क्या लेता है यह छोटा जीव आके बार बार..
..गौरईया तेरे आने का करता हूँ इन्तेजार…..
.मेरा मन न किया कर बेकरार.!!

.आजा फिर से मेरे आँगन में..
.तेरी ची ची सुनाने को कान बेचैन होने लगे…..
.दुआ करून की तू जल्दी से आये…
.वो सुबह सुबह नन्ही गौराई मुझ को जगाये ..

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Sakshi Tripathi
The most awkward situation arises when you lie between such
The most awkward situation arises when you lie between such
नव लेखिका
*पुरानी रंजिशों की भूल, दोहराने से बचना है (हिंदी गजल/ गीतिक
*पुरानी रंजिशों की भूल, दोहराने से बचना है (हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
3170.*पूर्णिका*
3170.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी  किसी के साथ प्रेम ,  किस
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी किसी के साथ प्रेम , किस
Seema Verma
Sunny Yadav - Actor & Model
Sunny Yadav - Actor & Model
Sunny Yadav
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
■आज का #दोहा।।
■आज का #दोहा।।
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क का रंग मेहंदी की तरह होता है धीरे - धीरे दिल और दिमाग प
इश्क का रंग मेहंदी की तरह होता है धीरे - धीरे दिल और दिमाग प
Rj Anand Prajapati
दीवाने खाटू धाम के चले हैं दिल थाम के
दीवाने खाटू धाम के चले हैं दिल थाम के
Khaimsingh Saini
*लम्हे* ( 24 of 25)
*लम्हे* ( 24 of 25)
Kshma Urmila
विषय
विषय
Rituraj shivem verma
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
" छोटा सिक्का"
Dr Meenu Poonia
कुपुत्र
कुपुत्र
Sanjay ' शून्य'
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
Shashi kala vyas
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
किसी पत्थर पर इल्जाम क्यों लगाया जाता है
किसी पत्थर पर इल्जाम क्यों लगाया जाता है
कवि दीपक बवेजा
"बेटी और बेटा"
Ekta chitrangini
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
पूर्वार्थ
🙏
🙏
Neelam Sharma
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
करुणा का भाव
करुणा का भाव
shekhar kharadi
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद
अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...