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4 Jan 2017 · 1 min read

* गुस्ताख़ ये दर्द *

गुस्ताख़ ये दर्द अब हमें जीने नहीं देगा
पी-पी के हारे ज़ाम अब पीने नहीं देगा
रात की तन्हाई हो या दिन का सूनापन
पी-पी पी की याद हमे जीने नही देगा ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
442 Views
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