Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2017 · 1 min read

*** गीत ***

गीत
प्रारम्भिक बोल ?

बैठी हूं इंतजार करूं
देखूं ऊंट सवार घणू
देखूं थांरी छवि घणी
नैणा में रख प्यार करुं ।।
******************
प्रीतम म्हारे हिवड़े री
हिवड़े में राखयो जी
निरखण लागी घर री नार
घर कद पधारोगा भरतार
सूनी सूनी रातड़ली में
तारा गिण काढ़ा सारी रात
घर कद पधारोगा म्हारा भरतार
चांदणी रातां म्हारी बैरण
बण गयी नींदड़ली
सुपनो जाग्यां कैयां आवे
आ बैरण बण गयी नींदडली
रूखां नीचे बैठी रोऊं
जोऊं थारी बाटड़ली
नैण भया बिन नीर उदास
धोरां माहीं सूजे नांही
हो गया कण्ठ उदास
गातां गातां थारी अरदास
सुणै नाहीं कोई बातड़ली
इब बता दे धरुं कैयां धीर
निहारूं थारी बाटड़ली
प्रीतम म्हाने हिवड़े में राख्यो
निरखूं थांरी भोळीभाळी सूरतड़ी
प्रीतम म्हारे हिवड़े री
हिवड़े में राख्यो जी ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 582 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
एक ख्वाब
एक ख्वाब
Ravi Maurya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
पूर्वार्थ
नया साल
नया साल
umesh mehra
दर्द उसे होता है
दर्द उसे होता है
Harminder Kaur
"तोल के बोल"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
■ ख़ास दिन, ख़ास बात, नज़्म के साथ
■ ख़ास दिन, ख़ास बात, नज़्म के साथ
*Author प्रणय प्रभात*
*तिरंगा मेरे  देश की है शान दोस्तों*
*तिरंगा मेरे देश की है शान दोस्तों*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sakshi Tripathi
*रखो सम्मोहक बोली 【कुंडलिया】*
*रखो सम्मोहक बोली 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
अरदास मेरी वो
अरदास मेरी वो
Mamta Rani
डर डर के उड़ रहे पंछी
डर डर के उड़ रहे पंछी
डॉ. शिव लहरी
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पूर्णिमा की चाँदनी.....
पूर्णिमा की चाँदनी.....
Awadhesh Kumar Singh
अफ़सोस का एक बीज़ उगाया हमने,
अफ़सोस का एक बीज़ उगाया हमने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हम हँसते-हँसते रो बैठे
हम हँसते-हँसते रो बैठे
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
Neelam Sharma
परछाई
परछाई
Dr Parveen Thakur
2491.पूर्णिका
2491.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जब तक रहेगी ये ज़िन्दगी
जब तक रहेगी ये ज़िन्दगी
Mr.Aksharjeet
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
कुछ
कुछ
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
मेरा परिचय
मेरा परिचय
radha preeti
पृथ्वीराज
पृथ्वीराज
Sandeep Pande
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐अज्ञात के प्रति-69💐
💐अज्ञात के प्रति-69💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
Loading...