Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2016 · 1 min read

गीत

मिटटी से मेरा जनम हुआ, मिटटी में मिल जाता हूँ
छोटी सी है जिंदगी मगर, जगत को जगमगाता हूँ |

दीवाली हो या होली हो, प्रात:काल या सबेरा
जब भी जलाया मुझे तुमने, किया दूर सब अन्धेरा |
जलना ही मेरी नियति बनी, जलकर प्रकाश देता हूँ
मिटटी से मेरा जनम हुआ, मिटटी में मिल जाता हूँ
छोटी सी है जिंदगी मगर, जगत को जगमगाता हूँ |

धनी गरीब या राजा रंक, सबका ही मै हूँ प्यारा
मेरी रौशनी तामस हरती, मानते हैं जगत सारा
भेद भाव नहीं करता कभी, सबके घर मैं जाता हूँ
मिटटी से मेरा जनम हुआ, मिटटी में मिल जाता हूँ
छोटी सी है जिंदगी मगर, जगत को जगमगाता हूँ |

मिले तुम्हे प्यार सम्मान सब, ख़ुशी ख़ुशी मुझे जलाना
भूलकर डाह दुःख दर्द तुम, जीवन में खुशियाँ लाना
जलती बाती ज्ञान-प्रीत की, लेकर यश मैं जाता हूँ
मिटटी से मेरा जनम हुआ, मिटटी में मिल जाता हूँ
छोटी सी है जिंदगी मगर, जगत को जगमगाता हूँ |

© कालीपद ‘प्रसाद’

Language: Hindi
Tag: गीत
358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या पता...... ?
क्या पता...... ?
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
दूर चकोरी तक रही अकास...
दूर चकोरी तक रही अकास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
Shweta Soni
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
**--नए वर्ष की नयी उमंग --**
**--नए वर्ष की नयी उमंग --**
Shilpi Singh
मुझमें एक जन सेवक है,
मुझमें एक जन सेवक है,
Punam Pande
Life is too short to admire,
Life is too short to admire,
Sakshi Tripathi
सालगिरह
सालगिरह
अंजनीत निज्जर
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
ruby kumari
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
मेरा संघर्ष
मेरा संघर्ष
Anamika Singh
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
Manu Vashistha
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
Atul "Krishn"
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
तरन्नुम में अल्फ़ाज़ सजते सजाते
तरन्नुम में अल्फ़ाज़ सजते सजाते
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरे सपने बेहिसाब है।
मेरे सपने बेहिसाब है।
CA Amit Kumar
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Love life
Love life
Buddha Prakash
2362.पूर्णिका
2362.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अजनबी
अजनबी
Shyam Sundar Subramanian
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अपनों की जीत
अपनों की जीत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
*हास्य-व्यंग्य*
*हास्य-व्यंग्य*
Ravi Prakash
किसी को अपने संघर्ष की दास्तान नहीं
किसी को अपने संघर्ष की दास्तान नहीं
Jay Dewangan
"तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
आज कल लोगों के दिल
आज कल लोगों के दिल
Satish Srijan
Loading...