Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2016 · 1 min read

गीत- पढ़ लो पढ़ लो

पढ़ लो पढ़ लो भाई-बहना
÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷

इस दुनिया में अनपढ़ रहना अपना ही अपमान है
पढ़ लो पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है

तुम जो पीछे रह जाओगे अंधेरो में खो जाओगे
खिल जाओगे पढ़़ कर देखो क्या से क्या तुम हो जाओगे
शिक्षित हैं बस यारों मेरे उनका ही सम्मान है
पढ़ लो पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है

अब ध्यान रहे यह वक्त नहीं फिर लौट दुबारा आयेगा
यह पल यूँ ही जो बीत गया तो पल पल तू पछतायेगा
शिक्षा का है दौर नया पर तेरा किस पर ध्यान है
पढ़ पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है

दुख लगता है पन्ने पर जो कोई अंगूठा छाप लगे
सच कहता हूँ भाई मेरे ये जीवन का अभिशाप लगे
जान इसे पहचान कि जल्दी क्यों अबतक अनजान है-
पढ़ लो पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
1078 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मार नहीं, प्यार करो
मार नहीं, प्यार करो
Shekhar Chandra Mitra
राम बनना कठिन है
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
3004.*पूर्णिका*
3004.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Exhibition
Exhibition
Bikram Kumar
◆धर्म-गीत
◆धर्म-गीत
*Author प्रणय प्रभात*
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
gurudeenverma198
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
Piyush Goel
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
Ravi Prakash
कविता
कविता
Rambali Mishra
हमारा देश भारत
हमारा देश भारत
surenderpal vaidya
आंख से गिरे हुए आंसू,
आंख से गिरे हुए आंसू,
नेताम आर सी
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
सब समझें पर्व का मर्म
सब समझें पर्व का मर्म
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सनातन सँस्कृति
सनातन सँस्कृति
Bodhisatva kastooriya
तेरी हुसन ए कशिश  हमें जीने नहीं देती ,
तेरी हुसन ए कशिश हमें जीने नहीं देती ,
Umender kumar
एक उम्र बहानों में गुजरी,
एक उम्र बहानों में गुजरी,
पूर्वार्थ
#drarunkumarshastri♥️❤️
#drarunkumarshastri♥️❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"न टूटो न रुठो"
Yogendra Chaturwedi
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भोले भाले शिव जी
भोले भाले शिव जी
Harminder Kaur
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
Vedha Singh
लड़ते रहो
लड़ते रहो
Vivek Pandey
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
Slok maurya "umang"
नई शुरुआत
नई शुरुआत
Neeraj Agarwal
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बुरा वक्त
बुरा वक्त
लक्ष्मी सिंह
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
Loading...