Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2017 · 1 min read

गीतिका

गीतिका
2122 2122 2122 212
ऋतु वसंत आई लगी कुदरत खिजाना आ गया
फूल सब खिल –मिल लगे मानो जताना आ गया|

ड़ाल आमों हरित रंगतो में पकाना आ गया
तितलियाँ झूमी सुना गीतों हिलाना आ गया |

स्वर विहंगो का सुना धूने बनाना आ गया
मौज आई पहर ले माना झुलाना आ गया|

प्रेम में सुन्दर नया सा गान गाना आ गया
सुवह आदत मौन किरणों संग निभाना आ गया|
.
ऋतु मधुमास राग द्वेष भूला छिपाना आ गया
सीख मानव अब भि रोतो को मनाना आ गया |
रेखा मोहन २८ /२/२०१७

357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नया सवेरा
नया सवेरा
AMRESH KUMAR VERMA
Love is like the wind
Love is like the wind
Vandana maurya
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बहुत से लोग तो तस्वीरों में ही उलझ जाते हैं ,उन्हें कहाँ होश
बहुत से लोग तो तस्वीरों में ही उलझ जाते हैं ,उन्हें कहाँ होश
DrLakshman Jha Parimal
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
* आ गया बसंत *
* आ गया बसंत *
surenderpal vaidya
"एको देवः केशवो वा शिवो वा एकं मित्रं भूपतिर्वा यतिर्वा ।
Mukul Koushik
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
Rj Anand Prajapati
"अवशेष"
Dr. Kishan tandon kranti
बैर भाव के ताप में,जलते जो भी लोग।
बैर भाव के ताप में,जलते जो भी लोग।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
मर्त्य ( कुंडलिया )
मर्त्य ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
गीत
गीत
Pankaj Bindas
उनको घरों में भी सीलन आती है,
उनको घरों में भी सीलन आती है,
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
..कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करता हू...*
..कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करता हू...*
Naushaba Suriya
दर्द की मानसिकता
दर्द की मानसिकता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तैराक हम गहरे पानी के,
तैराक हम गहरे पानी के,
Aruna Dogra Sharma
इस मुकाम पे तुझे क्यूं सूझी बिछड़ने की
इस मुकाम पे तुझे क्यूं सूझी बिछड़ने की
शिव प्रताप लोधी
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
If I were the ocean,
If I were the ocean,
पूर्वार्थ
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
Manisha Manjari
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
प्रेमदास वसु सुरेखा
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
The_dk_poetry
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी है बहुत अनमोल
जिंदगी है बहुत अनमोल
gurudeenverma198
सदविचार
सदविचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अंगारों को हवा देते हैं. . .
अंगारों को हवा देते हैं. . .
sushil sarna
वोट का सौदा
वोट का सौदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...