Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2016 · 1 min read

गीतिका

गीतिका
उम्र बीतती जा रही, भज ले मुरलीधर।
छोड जगत की चाकरी, बन हरि का चाकर।
वही सत्य शाश्वत अचल, प्रेमार्णव सुखदा।
एक वही रस कुंभ है, मधुराधिपति मधुर।
हरता साँवल कांति से, स्वर्णिम हर आभा।
है नयनों की तृप्ति वह , करता उर उर्वर।
केश कांति कटि करधनी, कलरव कुंडल का।
वक्ष केलि वनमाल की, तन पर पीतांबर।
चपल नयन चिंता हरण, पद पथ मुक्ति अटल।
वह जग के बाहर विशद, वह उर के अंदर।
ज्ञान ध्यान तप योग कुछ, नहीं प्राप्ति साधन।
वशीभूत वह प्रेम से, होता है ईश्वर।
काम काल त्रिभुवन विजित, बुध्देतीत महा।
पद आश्रित भय मुक्त है, शरण विमुख को डर।
पद रज याचक दास है, करो कृपा मोहन।
‘इषुप्रिय’ जिसकी अंक में, खेले सचराचर।
अंकित शर्मा ‘ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

1 Like · 410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
View all
You may also like:
ना जाने क्यों आज वक्त ने हालात बदल
ना जाने क्यों आज वक्त ने हालात बदल
Vishal babu (vishu)
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
पुराने पन्नों पे, क़लम से
पुराने पन्नों पे, क़लम से
The_dk_poetry
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
विमला महरिया मौज
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ साल चुनावी, हाल तनावी।।
■ साल चुनावी, हाल तनावी।।
*Author प्रणय प्रभात*
ताकि वो शान्ति से जी सके
ताकि वो शान्ति से जी सके
gurudeenverma198
कितनी प्यारी प्रकृति
कितनी प्यारी प्रकृति
जगदीश लववंशी
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
Rj Anand Prajapati
राणा सा इस देश में, हुआ न कोई वीर
राणा सा इस देश में, हुआ न कोई वीर
Dr Archana Gupta
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
बाट का बटोही ?
बाट का बटोही ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
सत्य कुमार प्रेमी
सावन साजन और सजनी
सावन साजन और सजनी
Ram Krishan Rastogi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
3209.*पूर्णिका*
3209.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
'अशांत' शेखर
सुबह-सुबह वोट मॉंगने वाले (हास्य-व्यंग्य)
सुबह-सुबह वोट मॉंगने वाले (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
Dr fauzia Naseem shad
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
"फ़िर से आज तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
"तलाशिए"
Dr. Kishan tandon kranti
किताबें पूछती है
किताबें पूछती है
Surinder blackpen
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
💐प्रेम कौतुक-492💐
💐प्रेम कौतुक-492💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन का एक और बसंत
जीवन का एक और बसंत
नवीन जोशी 'नवल'
Loading...