Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2017 · 1 min read

गिरगिट

एक गिरगिट अचानक
रूप बदलने लगा
नये-नये रंग में
पल-पल ढलने लगा ।
उसको यों करता देख
एक गिरगिट दूसरे से बोला
यार !यह अकारण
क्यों बदल रहा है चोला ?
यह सुन गिरगिट ने
अपने मित्र को बताया
उसे समझाया
कहा-यार यह अभी-अभी
आदमी की बस्ती से आया है
इसलिए बौराया है ।
गिरगिट की बात सुन
दूसरा बोला-
यार!ऐसे में तो यह
मुफ्त में मारा जाएगा ।
क्या यह आदमी की तरह
कभी रंग बदल पाएगा?
आदमी ने तो
गिरगिट की फितरत पा ली है
क्या गिरगिट
आदमी की फितरत ले पाएगा ?
दोनों ने सोचा
चलो उसे समझाते हैं
सही राह पर लाते हैं ।
वे उसके पास गए
उन्होंने उसे समझाया-
अरे! तू है बहुत भोला
क्यों बदलता है
बार-बार चोला
आरे! तू गिरगिट है, गिरगिट ही रह
खुद को आदमी मत कह
जो आदमी के चक्कर में जाएगा
खुद गिरगिट भी नहीं रह पाएगा ?:

यह सुन
रंग बदलता हुआ गिरगिट बोला-
अभी-अभी मैं जहाँ से आया हूँ
वहाँ आदमी का व्यवहार देख घबराया हूँ ।
कुदरत ने जो
रंग बदलने की कला हमें दी है
आदमी हमसे भी आगे निकल रहा है
यही मुझे खल रहा है
इसलिए मैं
उससें आगे निकलने की कोशिश कर रहा हूँ
और बार-बार रंग बदल रहा हूँ ।
बार-बार रंग बदल रहा हूँ ।

Language: Hindi
405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तू बस झूम…
तू बस झूम…
Rekha Drolia
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
जय माँ दुर्गा देवी,मैया जय अंबे देवी...
जय माँ दुर्गा देवी,मैया जय अंबे देवी...
Harminder Kaur
कितना भी दे  ज़िन्दगी, मन से रहें फ़कीर
कितना भी दे ज़िन्दगी, मन से रहें फ़कीर
Dr Archana Gupta
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
Sanjay ' शून्य'
मुक्तक
मुक्तक
कृष्णकांत गुर्जर
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सुख - एक अहसास ....
सुख - एक अहसास ....
sushil sarna
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
Shweta Soni
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
मेरा प्रेम के प्रति सम्मान
मेरा प्रेम के प्रति सम्मान
Ms.Ankit Halke jha
क्या वायदे क्या इरादे ,
क्या वायदे क्या इरादे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
CA Amit Kumar
💐प्रेम कौतुक-561💐
💐प्रेम कौतुक-561💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बन गए हम तुम्हारी याद में, कबीर सिंह
बन गए हम तुम्हारी याद में, कबीर सिंह
The_dk_poetry
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
Ranjeet kumar patre
बदी करने वाले भी
बदी करने वाले भी
Satish Srijan
अपनी समस्या का समाधान_
अपनी समस्या का समाधान_
Rajesh vyas
तुम हमेशा से  मेरा आईना हो॥
तुम हमेशा से मेरा आईना हो॥
कुमार
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गीता में लिखा है...
गीता में लिखा है...
Omparkash Choudhary
प्राप्ति
प्राप्ति
Dr.Pratibha Prakash
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
Kshma Urmila
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
पता ना चला
पता ना चला
Dr. Kishan tandon kranti
"झूठे लोग "
Yogendra Chaturwedi
3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...