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6 Sep 2017 · 1 min read

गमदीदा हूँ

गमदीदा हूँ पर एहसास कुछ खास सा है,
ऐसा लगा वो दूर नहीं, वो मेरे पास सा है,

नृग की मन्नतों में एहसास जन्नतों का है,
ऐसा लगा उनकी दुआओं के हाथ उठे है,
और दिल में हलचल, वो मेरे पास सा है,

कुछ बर्फानी सी लहर, महसूस हुई चेहरे पे,
ऐसा लगा धुप में भी मौसम बरसात सा है,

जाने क्यों याद आ गया तेरे गलों को छूना,
अचानक क्यों दिल धड़क उठा है सीने में,
ऐसा लगा जैसे तू मेरे कंही आस पास सा है,

गमदीदा हूँ पर एहसास कुछ खास सा है,
ऐसा लगा वो दूर नहीं, वो मेरे पास सा है,
तनहा शायर हूँ

Language: Hindi
327 Views
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