Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2017 · 1 min read

गधों का मता…..

यह राजनीति भी कैसी राजनीति है….
बिना सर पैर सरपट भागती है….
मुद्दे सब पीछे छूट जाते हैं…
जनता भौचक्की ताकती रह जाती है….

इलेक्शन आते ही नेताओं के ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं…
कुछ तो नए नए शब्द गढ़ देते हैं….
कुछ पुराने शब्दों की परिभाषाएं…
अलग अंदाज़ में देने लग जाते हैं……

आज कल ‘गधा’ शब्द नंबर १ ट्रेंड कर रहा है…
बचपन में जो पढ़ा था उसमें घट बढ़ रहा है…
और गधों का अपना इनफार्मेशन ब्यूरो है…
कहाँ क्या हो रहा सब खबर आ जा रहा है…

खबर मिली है गधों ने मता पास किया है….
नेताओं ने मिलकर उनको बदनाम किया है…
पूछा है हलफनामें में सब गधों ने मिलकर….
वो बताएं अब तक उन्होंने क्या काम किया है…

हम दिन रात काम करते हैं बिन सोचे समझे…
हम को यहाँ देखो ले जाते हैं हमसे बिना पूछे …
नेता कहाँ रहते हैं कभी दीखते ही नहीं…
किया कुछ नहीं नाम हमारा यूस करते थकते नहीं…

काश! कभी हम जैसे बन काम किया होता…
किसी का बुरा न सोचा होता न किया होता….
माना काम नहीं करना उनको कोई बात नहीं…
पर हमारे नाम की जगह दिमाग यूस किया होता…
\
/सी. एम्. शर्मा

Language: Hindi
469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from CM Sharma
View all
You may also like:
बेटियां बोझ नहीं होती
बेटियां बोझ नहीं होती
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ईद आ गई है
ईद आ गई है
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हक़ीक़त ने
हक़ीक़त ने
Dr fauzia Naseem shad
दूषित न कर वसुंधरा को
दूषित न कर वसुंधरा को
goutam shaw
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
पहला प्यार - अधूरा खाब
पहला प्यार - अधूरा खाब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रास्ते  की  ठोकरों  को  मील   का  पत्थर     बनाता    चल
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
पूर्वार्थ
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
*नेताओं की धुआँधार भाषणबाजी (हास्य व्यंग्य)*
*नेताओं की धुआँधार भाषणबाजी (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
तेज़
तेज़
Sanjay ' शून्य'
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
डॉ. दीपक मेवाती
मौत से किसकी यारी
मौत से किसकी यारी
Satish Srijan
गलतियाँ हो गयीं होंगी
गलतियाँ हो गयीं होंगी
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
"मुस्कान"
Dr. Kishan tandon kranti
गलतियां सुधारी जा सकती है,
गलतियां सुधारी जा सकती है,
Tarun Singh Pawar
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
विश्व तुम्हारे हाथों में,
विश्व तुम्हारे हाथों में,
कुंवर बहादुर सिंह
शादी की उम्र नहीं यह इनकी
शादी की उम्र नहीं यह इनकी
gurudeenverma198
ना वह हवा ना पानी है अब
ना वह हवा ना पानी है अब
VINOD CHAUHAN
*अद्वितीय गुणगान*
*अद्वितीय गुणगान*
Dushyant Kumar
****माता रानी आई ****
****माता रानी आई ****
Kavita Chouhan
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
Swara Kumari arya
चार यार
चार यार
Bodhisatva kastooriya
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
*सम्मति*
*सम्मति*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...