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16 Jul 2017 · 1 min read

गजल

किसी अपने ने मुझे इस तरह सताया
गले से लगाकर मुझे मेरा घर जलाया

नही लगाया हमने इल्जाम उन पर
लेकिन फिर उन्होंने मुझे गैर का बताया

उनके अलावा कोई नजारा भी न देखा
नाम जोड़कर किसी के साथ मुझे सताया

उन्होंने हर जगह किया जलील मुझको
बाद में सहेलियों से भी जलील करवाया

प्यार से पानी मे घोल कर दिया जहर
जव हँसकर पी लिया तो कहकहा लगाया

अपना बनाकर हमे भटकने को छोड़ दिया
अंजुमन में बुलाकर मुझे जलील करवाया

मैंने भी हँसकर महफ़िल में उनका नाम पूछा
ये सुनकर महफ़िल में उसने अश्को को बहाया

अब न करना किसी से प्यार दुनिया में
धोखा देकर उसने ये ऋषभ को बताया

1 Like · 352 Views
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