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12 Feb 2017 · 1 min read

गजल

आप सबकी मोहब्बतों के हवाले
दिल खोलकर समीक्षा कीजिए
२१२२/२१२२/२१२२/२१२
जिंदगी से जब किसी दिन सामना हो जाएगा
क्या हकीकत क्या फसाना फैसला हो जाएगा

रास आने ही लगेगा आपको मेरा चलन
जब कभी तन्हाइयों से वास्ता हो जाएगा

छेड उसको यों न तू, रहने दे खुद की धून में
हाथ जो उसको लगाया वो हवा हो जाएगा

आइना रख सामने आने द बाहर आज सच
खूं बहा गर अश्क से नजरे वफ़ा हो जाएगा

वो बड़े बस्ती के अपने, जानते सब झूठ सच
पास जाकर बैठ थोड़ा मशवरा हो जाएगा

बात मेरी चुभ गयी तो, आप कहिए क्या करूं
गर समेटा झूठ मैंने, हादसा हो जाएगा

शोखियां ये तितलियों की फूल को भाती बहुत
कैद होंगी जब कभी ये, कुछ बुरा हो जाएगा

हीर रांझा की कहानी अब नहीं सबको सुना
हर्फ उल्फत का किताबों से फना हो जाएगा

रूप पर इतना गरुर , कोई वजह तो दीजिए
सांस जिस दिन रुक गयी,सब तो धुंआ हो जाएगा

भूलने को है रवायत सब. ,पुरानी बस्तियां
देखना एक दिन शहृ मेरा बुढा हो जाएगा

जा रही दरबार तक उसके,तिरी हर इक सदा
वंदना तुम देखना,सब वो दुआ हो जाएगा
वंदना मोदी गोयल

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