Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2017 · 1 min read

गजल

गजल
बहर १२२२/१२२२/१२२२/१२२२
काफिया आ
रदीफ नही होता
मतला
खबर उसको अगर होती कभी पर्दा नहीं होता
निगाहों में उतरता चॉद ये शिकवा नहीं होता

उजाले रास आये ही नहीं किससे करें शिकवा
हमें मालुम वो देगा दर्द ,पछतावा नहीं होता

मुहब्बत ने कहॉ लाकर मुझे छोडा ,कभी देखो
भला होता किसी ने कर वादा तोडा नही होता

खुदाया नाम तख्ती पर अगर मॉ का,बताता भी
रुलाया रात भर उसको ,उसे धोखा नही होता

कहॉ करता भरोसा वो मिरी बातों का कहने से
कि पॉवों में अगर मेरे फुटा छाला नहीं होता

उठाती रोज उम्मीदें दरिंचों से मिरे चिलमन
कभी गलियों में मेरी पर उसे आना नही होता

कि खुलने दे कभी ये खिडकियॉ तेरे मिरे दरमयँ
मिजाजे तल्खियों को पालना अच्छा नहीं होता

कभी मॉ तो कभी बेटी समायी है निगाहो में
रईसों का यकीनन शर्म से वास्ता नही होता
वंदना मोदी गोयल

313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
#तेवरी / #त्यौहार_गए
#तेवरी / #त्यौहार_गए
*Author प्रणय प्रभात*
प्रयास
प्रयास
Dr fauzia Naseem shad
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
★मां का प्यार★
★मां का प्यार★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
*वर्षा लेकर आ गई ,प्रिय की पावन याद(कुंडलिया)*
*वर्षा लेकर आ गई ,प्रिय की पावन याद(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इश्क खुदा का घर
इश्क खुदा का घर
Surinder blackpen
जीने का हौसला भी
जीने का हौसला भी
Rashmi Sanjay
दो दिन
दो दिन
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" सूरज "
Dr. Kishan tandon kranti
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
घर एक मंदिर🌷
घर एक मंदिर🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात  ही क्या है,
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात ही क्या है,
Shreedhar
चंद दोहे नारी पर...
चंद दोहे नारी पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
shabina. Naaz
नारी की स्वतंत्रता
नारी की स्वतंत्रता
SURYA PRAKASH SHARMA
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
Harminder Kaur
झूम मस्ती में झूम
झूम मस्ती में झूम
gurudeenverma198
इल्ज़ाम ना दे रहे हैं।
इल्ज़ाम ना दे रहे हैं।
Taj Mohammad
सुहासिनी की शादी
सुहासिनी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
"बेटा-बेटी"
पंकज कुमार कर्ण
कीमतों ने छुआ आसमान
कीमतों ने छुआ आसमान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"भीमसार"
Dushyant Kumar
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
वाराणसी की गलियां
वाराणसी की गलियां
PRATIK JANGID
Loading...