??•इश्क़े-हक़ीक़त•??
ज़ुबां पर आया वो,सवाल अच्छा है।
दिल में उठा है जो,ख़्याल अच्छा है।।
हमने हँसकर उससे,दो बातें क्या की।
वो कहने लगे हमें,माल अच्छा है।।
इश्क़ तो परिन्दे की उड़ान है,दोस्त!
जिसको हो गया,उछाल अच्छा है।।
फूलों के ग़िरेबां में,काँटें भी होते हैं।
देखने में तो ग़ुल,लाल अच्छा है।।
कमान से निकला,तीर वापिस न आए।
जो बीत गया है वो,साल अच्छा है।।
आजकल क़दम ज़मीं पर टिकते नहीं।
लगता है जवानी में,उबाल अच्छा है।।
तन्हा बैठ सोचते हैं,हँसते हैं वो तन्हा।
इश्क़ में देखो ज़रा,कमाल अच्छा है।।
वो सजना,सँवरना सीख गए अब तो।
उनको देख आइने का,हाल अच्छा है।।
अदाओं से कहना,सुनना,समझना सीख।
हरपल मुस्क़राते हैं वो,ताल अच्छा है।।
हम जानते हैं इश्के़-हक़ीक़त “प्रीतम।
जो बचा माँ का वो,लाल अच्छा है।।
…..??•राधेयश्याम??
…..??•बंगालिया ??
…..??•प्रीतम ??