Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

$दोहे

#दोहे

क़ीमत है हर चीज़ की, रख अतिउत्तम ज्ञान।
सही वक़्त दो दे बता, बंद घड़ी भी मान।।

कमियाँ खोज़े बात में, मक्खी कर पहचान।
ज़िस्म ख़ूबसूरत भुला, बैठे ज़ख्म निशान।।

पास हमारे जो रहे, नहीं कदर या मान।
दूर हुआ तो मानते, उसको बड़ा महान।।

दुख में देता साथ जो, सच्चा होता मीत।
सुख में सब साथ दें, गाएँ हँस-यश गीत।।

नीर नयन भरकर दिखे, धुँधली सुंदर चीज़।
सही नज़र से देखिये, होगी खास अज़ीज़।।

बोल बड़े मत बोलिये, समय बड़ा बलवान।
राजा को ये रंक कर, तोड़े दंभ गुमान।।

चार दिनों की ज़िंदगी, हँसकर जीना यार।
घुटकर जीना नरक सा, क़दमों नीचे ख़ार।।

भेदभाव की ज़िंदगी, मानवता की हार।
तुच्छ कर्म को देखकर, रब भी रूठे यार।।

ग़म के पीछे है ख़ुशी, रात बाद ज्यों भौर।
हँसके करना कर्म हर, बीते संकट दौर।।

दृष्टिकोण का खेल है, सुख दुख की हर बात।
स्वर्ग धरा पर देखिये, समता रखकर तात।।

#आर.एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
ठहराव सुकून है, कभी कभी, थोड़ा ठहर जाना तुम।
ठहराव सुकून है, कभी कभी, थोड़ा ठहर जाना तुम।
Monika Verma
किस तरह से गुज़र पाएँगी
किस तरह से गुज़र पाएँगी
हिमांशु Kulshrestha
जब हासिल हो जाए तो सब ख़ाक़ बराबर है
जब हासिल हो जाए तो सब ख़ाक़ बराबर है
Vishal babu (vishu)
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
Ranjeet kumar patre
चली ये कैसी हवाएं...?
चली ये कैसी हवाएं...?
Priya princess panwar
"मानो या न मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
कल और आज जीनें की आस
कल और आज जीनें की आस
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
So many of us are currently going through huge energetic shi
So many of us are currently going through huge energetic shi
पूर्वार्थ
"समझाइश "
Yogendra Chaturwedi
यादें
यादें
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आलसी व्यक्ति
आलसी व्यक्ति
Paras Nath Jha
मैं पढ़ता हूं
मैं पढ़ता हूं
डॉ० रोहित कौशिक
यादों के जंगल में
यादों के जंगल में
Surinder blackpen
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
*Author प्रणय प्रभात*
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
💐प्रेम कौतुक-219💐
💐प्रेम कौतुक-219💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*सॉंप और सीढ़ी का देखो, कैसा अद्भुत खेल (हिंदी गजल)*
*सॉंप और सीढ़ी का देखो, कैसा अद्भुत खेल (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हमसे बात ना करो।
हमसे बात ना करो।
Taj Mohammad
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची  हैं उड़ाने,
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची हैं उड़ाने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तुम ही मेरी जाँ हो
तुम ही मेरी जाँ हो
SURYA PRAKASH SHARMA
जब सहने की लत लग जाए,
जब सहने की लत लग जाए,
शेखर सिंह
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
हर शायर जानता है
हर शायर जानता है
Nanki Patre
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
Buddha Prakash
3157.*पूर्णिका*
3157.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
Phool gufran
रक्षाबन्धन
रक्षाबन्धन
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...