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30 Apr 2017 · 1 min read

??◆तुम मिले जो◆??

तेरी मोहब्बत के हम,गुलाम हो गए हैं।
दिल के तमाम तुझे,सलाम हो गए हैं।।

तू आए तो महके,सूना घर-आँगन सनम।
मैं कहूँ सबसे हसीं,सुबहो-शाम हो गए हैं।।

तू देखे आइना जो,आँचल सरका रूख से।
आइना भी कहदे हम,नाक़ाम हो गए हैं।।

आए जो हवा ये,मरमरी बदन छूकर तेरा।
मौसम से कहती है तेरे,पैग़ाम हो गए हैं।।

लब से छू लो मेरे,तुम लब अगर जाना।
हम समझे प्यार के तेरे,ईनाम हो गए हैं।।

मेरी ज़िंदगी में तुम,जबसे शामिल हुए हो।
आसान मेरे सब सनम, काम हो गए हैं।।

तेरे प्यार का भरोसा,सुबह-शाम रहता है।
इस भरोसे पर सबके,एहतराम हो गए हैं।।

तेरी नज़रे-कशिस,दीवाना करती है दिल।
दिल में निग़ाहों के ठहरे,जाम हो गए हैं।।

तेरी सूरत देख मैं,दिल से बेक़ाबू हो जाऊँ।
तमाम तज़ुर्बे ढ़लती एक,शाम हो गए हैं।।

मेरी ज़िंदगी की आरज़ू,एक तुम थे”प्रीतम”।
तुम जो मिले हासिल सब,मुक़ाम हो गए हैं।।
***********
***********
राधेयश्याम….बंगालिया….प्रीतम….कृत

Language: Hindi
1 Like · 222 Views
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