Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2020 · 1 min read

गंगा नदी

************** गंगा नदी ***************
*************************************

हिमनद से निकली धारा ,भागीरथी है कहलाए
पर्वतों को वो चीर कर, मैदानों में फैल जाए
हिमालय में से निकलकर,बंगाल खाड़ी में सयाई
गंगोत्री उदगम स्थान से,जगह जगह फैल जाए

प्रयागराज तक पहुँच के,यमुना नदी में मिल जाए
फरूखाबाद,कन्नौज,कानपुर होकर प्रयाघ में आए
मोक्षदायिनी नगरी काशी मे,उत्तरवाहिनी कहलाए
सोन,गंडक,सरयू कोसी नदियाँ गंगा में मिल जाए

गिरिया नामक स्थान पे,गंगा शाखाओं में बंट जाए
भागीरथी और पद्मा का पावन रूप सदा कहलाए
भागलपुर राजमहल पहुंच कर दिशा बदल है जाए
पहाड़ियों के क्षेत्र में गंगा नदी दक्षिणवर्ती कहलाए

गंगा का पानी अमृत गंगाजल पवित्र नीर कहलाए
भूत प्रेत का साया जन जन के तन से दूर भगाए
धारा अपने साथ खनिज पदार्थ बहा कर ले आए
बंजर भूमि को सुंदरवन डेल्टाई से उपजाऊ बनाए

शिव जटा से पैदा भारतीय संस्कृति पहचान बनाए
मनुष्यों की अस्थियों का विसर्जन स्थान बन जाए
मनसीरत गंगा निर्मल धारा से धरा पवित्र हो जाए
पापियों के पाप धो धो कर स्वयं गंगा मैली हो जाए
***************************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 569 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
बचा ले मुझे🙏🙏
बचा ले मुझे🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सच समझने में चूका तंत्र सारा
सच समझने में चूका तंत्र सारा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2456.पूर्णिका
2456.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ग़ज़ल
ग़ज़ल
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
SPK Sachin Lodhi
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
हो जाती है साँझ
हो जाती है साँझ
sushil sarna
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
Buddha Prakash
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य
स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य
Anil chobisa
Kavita
Kavita
shahab uddin shah kannauji
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
singh kunwar sarvendra vikram
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
मेरी अंतरात्मा..
मेरी अंतरात्मा..
Ms.Ankit Halke jha
धार में सम्माहित हूं
धार में सम्माहित हूं
AMRESH KUMAR VERMA
सुनो कभी किसी का दिल ना दुखाना
सुनो कभी किसी का दिल ना दुखाना
shabina. Naaz
💐Prodigy Love-16💐
💐Prodigy Love-16💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विरक्ति
विरक्ति
swati katiyar
ओवर पजेसिव :समाधान क्या है ?
ओवर पजेसिव :समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
Ranjeet kumar patre
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फ़ानी
फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
Basant Bhagawan Roy
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सूखी टहनियों को सजा कर
सूखी टहनियों को सजा कर
Harminder Kaur
Loading...