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22 Aug 2017 · 1 min read

खुशी

वो खुशी देता है अपने मन की,
मैं खुशी दूँगा उसे उसके मन की ।

खुश तो होता हूँ फिर डर जाता हूँ ,
खुशी बड़ा खालीपन छोड़,जाती है ।

खुशी आती है तो मन भर आता है ,
खुशी जाती है तो मन भर आता है।

खुशी को हवा की मानिंद बहने देता हूँ,
मुट्ठी में बंद करने की कोशिश क्यों करूँ।

Language: Hindi
634 Views
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