Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2017 · 1 min read

खुद फूंक रहे हैं

खुद फूंक रहे हैं
घनाक्षरी छंद
काट काट रेल की पटरियां उखाड़ रहे,
स्टेशन मिटाने में नहीं चूक रहे हैं।
आफिसों में तोड़फोड़ सभी शीशे रहे फोड़,
नजर उठाए जो भी उसे हूंक रहे हैं।
बसों में लगा रहे हैं आग दौड़ दौड़कर,
कई निरदोष आँच में ही सूख रहे हैं।
भारत के दुश्मनों तुम कुछ भी न करो,
हम तो हमारा देश खुद फूंक रहे हैं।

गुरु सक्सेना नरसिंहपुर मध्य प्रदेश

256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा
दोहा
प्रीतम श्रावस्तवी
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
*विभीषण (कुंडलिया)*
*विभीषण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
डॉक्टर रागिनी
छुपा सच
छुपा सच
Mahender Singh Manu
नित नए संघर्ष करो (मजदूर दिवस)
नित नए संघर्ष करो (मजदूर दिवस)
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
ruby kumari
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
श्याम सिंह बिष्ट
कोरोना का संहार
कोरोना का संहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ऋतु सुषमा बसंत
ऋतु सुषमा बसंत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आजकल के लोगों के रिश्तों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करता है।
आजकल के लोगों के रिश्तों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करता है।
पूर्वार्थ
जो तुम समझे ❤️
जो तुम समझे ❤️
Rohit yadav
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मुसाफिर
मुसाफिर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरा गांव
मेरा गांव
Anil "Aadarsh"
💐प्रेम कौतुक-351💐
💐प्रेम कौतुक-351💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भारत रत्न डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर
भारत रत्न डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर
KEVAL_MEGHWANSHI
होली (विरह)
होली (विरह)
लक्ष्मी सिंह
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बवंडर
बवंडर
Shekhar Chandra Mitra
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
बुद्ध को अपने याद करो ।
बुद्ध को अपने याद करो ।
Buddha Prakash
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
सांवली हो इसलिए सुंदर हो
सांवली हो इसलिए सुंदर हो
Aman Kumar Holy
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
हिन्दी
हिन्दी
manjula chauhan
ख़राब आदमी
ख़राब आदमी
Dr MusafiR BaithA
"प्यार तुमसे करते हैं "
Pushpraj Anant
*फल*
*फल*
Dushyant Kumar
Loading...